रात ने अपनी रंग में हमें ढक दिया, मगर इस दिल की आवाज को नहीं ढका , रात खामोश है , मगर ये दिल कुछ कहना चाहता है, रात को अपनी चांदनी मिल गई, मगर ये दिल अब भी तेरी तालाश में अपना दिल जोड़ रहा है।
एक ही जिंदगी में , ना जाने क्या-क्या करने की चाह हैं , कभी आसमान में उड़ने की , तो कभी किताबों में खोए रहने की , कभी शायरों की अल्फ़ाज़ बनने की, तो कभी दबंग बनने की , कभी खेलने कूदने की तो कभी धुन में खो जाने की , कभी लिखने की तो , कभी बोलने की, कभी लोगों के साथ रहने की , तो कभी अलग रहने की, एक ही जिंदगी में , ना जाने क्या क्या करने की चाह हैं।।
विचारों की अजब दुनिया, समुन्द्र तरह की ख्याले, ख्यालों में तेरी यादें, न जाने किस ओर चल पड़ते हम , हक़ीक़त ही भुल जाते , जाने क्या सोचने लगते, विचारों की अजब दुनिया।।