बेहतर होगा कि
जो महसूस करते हो
बयाँ कर दो,
कब्र में रंजिशें
साथ ले जाने का इरादा है क्या?-
●Observer●Thinker●Writer
(Quotes & Poetries)
'लहज़ा और लिहाफ़'
संदूक में लिहाफ़,
और लहज़े में लिहाज़,
हमेशा तैयार रखिये !
क्योंकि मौसम और मिज़ाज़,
कभी भी बदल सकते हैं..-
दरवाज़े बन्द भी हों तो भी,
आहट झरोखों से आ जाती है,
मेघों से आती रिमझिम बारिश,
एक स्थिरता दे जाती है ।
हवा के साथ मग्न बूंदें,
जो मुंडेर पर टिप-टिप कर,
फिर अटक-सी जाती हैं,
बस उसी पारदर्शिता की तलाश,
मेरे चित्त को भाती है ।
सौंधी मिट्टी की ख़ुशबू,
आकर्षित करती जाती है,
बौछारें भी आलिंगन करतीं
और मन मोहित कर जाती हैं ।-
She is not perfect ,
But, she can be perfect for you..
Just feel the vibe.
If you are still looking for the perfection,
Go to the mirror and ask,
'Are you perfect..?'
-
पौधे और रिश्ते
पौधे की जड़ें जब माटी को छोड़ने लगें,
रिश्तों में जब स्वार्थ पनपने लगे,
तब उन्हें बचाने और निभाने के लिए,
ज़रूरत होती है प्रेम से सींचने की,
अन्यथा पौधे सूख जाते हैं,
और अपने रूठ जाते हैं ।
कभी-कभी हम सब कुछ देखते हुए भी,
उन्हें अनदेखा करते जाते हैं ।
और अंततः कुछ भी शेष नहीं रह जाता,
न वक़्त, न मोह, न प्रेम, न स्वार्थ ।
फिर पौधे मृदा तत्वों में विलीन हो जाते हैं,
और रिश्ते उदासीन हो जाते हैं ।
-
पहाड़ों पर जाऊँ तो,
मद्धम हवा बन के आ जा..
पेड़ों तले बैठूं तो,
पक्षी बन के कानों में कलरव कर जा..
दरिया को तकूँ तो,
निर्मलता बन के विचारों में उतर जा..
तेरे गुज़र जाने से पहले,
मेरे एहसासों में थम जा..
गुज़ारिश है तुझसे,
ऐ ज़िंदगी पास तो आ..
-
कभी फुरसत हो तो,
मेरे ख्वाबों के साहिल से,
ख़यालों में उतरना,
उम्मीद है..
रुख़सती की बात तुम्हारे,
ज़ेहन में भी नही आएगी ।-