3 golden rules to be happy in life...
1.Stop reacting & Start responding to people n situations...
2.Stop Expecting & Start Accepting...
3.Stop Overthinking & Start Right thinking...-
ज़िन्दगी में सबसे आसान होता हैं दूसरों को समझाना ,लेकिन सबसे मुशकिल खुद को समझना और खुद को समझाना ।
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यहां खुद को नहीं समझ पाए, हमें रिश्ते क्या खाक समझ में आयेंगे।
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इन्सान भी बड़ा अजीब है जनाब उस एक शक्स को पाने लिए दुनियां को छोड़ा, आज उसने छोड़ा तो फ़िर दुनियां में मिल गए।
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आज हम चुप हैं अपने सपने और अपनों के लिए , एक दिन आएगा हमारा जब हम भी बोलेंगे ज़माना सुनेगा।
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जे स्वतः ला दिडशहांणं समजतात त्यानां लोक शहाणं सुध्दा समझत नाही म्हणून निघा आपल्या भ्रम मधून .....
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ए इन्सान कहां खो गया है तु.....
अपने स्वार्थ में इन्सानियत को भुल गया तु ,हर चीज़ को खोजा तो इन्सानियत को क्यों भुल गया तू ।
ए इन्सान कहां खो गया है तु.....
धर्म के नाम पर इन्सान ने इन्सान को मारा,
और आज खुद को बचाने के लिए इन्सान ने इन्सान का हाथ थामा ( कोरोना)
क्यों धर्म के नाम पर लड़ते हो, खून का रंग तो एक ही है ना ।।
ए इन्सान कहां खो गया है तु.....
अपने स्वार्थ के लिऐ अपनों से रिश्ता तोड़ा,
उसी स्वार्थ से बाहर वालों से रिश्ता जोड़ा ।।
ए इन्सान कहां खो गया है तु.....
स्वार्थ ने इतना खोखला किया हैं, की भाई- भाई से लड़ रहा है,
हाय रे इन्सान ये क्यों भुल गया की अपने भी तो इन्सान है।।
ए इन्सान कहां खो गया है तु.....
पैसे का मोह तुझे इन्सानियत से दूर कर रहा है,
पैसा इन्सान को इन्सान को इन्सान से दूर कर रहा है,
पैसों का मोह तेरे अपनों को अपनोंसे दूर कर रहा है ।।
ए इन्सान कहां खो गया है तु.....
आग से एकदिन कागज़ जल जाएगा और उसी मिट्ठी में जाएगा जहां तुझे भी जाना है,
आखरी में यहीं कहुंगी,इतना गुरूर ना कर ए इन्सान अपने शौहरत और पैसे पर ,तु भी वही जाएगा जहा सब जाएंगे ( मिट्ठी )।।-