फूल सा रुख़ दिया दिल से उन्हें जल्लाद किया
हुस्न वालों को बनाकर हमें बर्बाद किया-
EUPHONIC AMIT
(🎙️EUPHONIC AMIT 🎧)
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𝙏𝙝𝙚𝙧𝙚 𝙞𝙨 𝙣𝙤𝙩𝙝𝙞𝙣𝙜 𝙩𝙤 𝙬𝙧𝙞𝙩𝙞𝙣𝙜. 𝘼𝙡𝙡 𝙮𝙤𝙪 𝙙𝙤 𝙞𝙨 𝙨𝙞𝙩 𝙙𝙤𝙬�... read more
Joined 22 October 2020
12 JUN AT 9:45
12 JUN AT 9:34
जुदा होने से पहले जान-ए-जानाँ
लिपटकर तुझसे रोना चाहता हूँ
तेरी बाहों के घेरे की घुटन से
मैं अब आज़ाद होना चाहता हूँ-
6 JUN AT 14:03
मेरी ग़ज़लें वो पढ़ेंगे तो समझ जाएँगे
बंदगी क्या है जुनूँ क्या है अक़ीदत क्या है-
6 JUN AT 13:44
आना कि नहीं आना मर्ज़ी है सनम तेरी
राहों में हमें लेकिन पलकों को बिछाना है
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24 APR 2024 AT 23:00
ये सब कहने की बातें हैं हम उन को छोड़ बैठे हैं
जब आँखें चार होती हैं मुरव्वत आ ही जाती है
~ज़हीर देहलवी
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12 APR 2024 AT 1:25
आना कि नहीं आना मर्ज़ी है सनम तेरी
हमको तेरी राहों में पलकों को बिछाना है-