अचानक परिवर्तन को झेलने के
लिए तैयार रखो खुद को जब लोग बदलते है।नोटिस नहीं देते एकाएक झटके देते है।
कृष्ण अपने भक्तों पर उपकार किया है।
वो बोलते है, आदत से बचो।बंधन से बचो, रिश्ते बनाने से बचो।किसी पर आश्रित होने से बचो।तुम खुद पर शुरू होकर खुद पर खत्म करना सीखो।
मेरा आश्रय लो।-
Happily Married ❤️
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सारे रिश्तों के भीतर मैं (कृष्ण) ही हूं।
तुम समझ नहीं पाते हो।आसक्त हो जाते हो।
हर शरीर की आत्मा मै (कृष्ण) हूं।फिर सिर्फ ऊपरी आवरण में फंस कर अपराधी बन जाते हो।
शरीर का मोह तुम्हे नष्ट कर देता है।
वरना मुझसे नेह लगाते।तो कोई दुख नहीं पाते।कोई भी दुख नहीं।
सुख और दुख सब तुम्हारी मानसिक
स्थिति को बदलने के लिए दिए जाते है।
आसक्ति और परिस्थिति परिवर्तन
की आतुरता इंसान से तुम्हे हैवान बना देता है।
मुझे समझते तो परिस्थिति
से ज्यादा मानसिक स्थिति को बदल लेते।
खुद को बदलने की कोशिश करते वहां तक जहां तक दुःख लगना बंद हो जाता है।
दुख और सुख एक जैसा लगता है।-
प्रेम सच्चा वही जो ऐसी तड़प पैदा करे।
उसकी विरह वेदना में मनुष्य में
वैराग्य उत्पन्न हो जाए।
बिल्कुल राधाकृष्ण की तरह।
जिसमें शारीरिक से ज्यादा
मन का मिलन अहम अंग हो।-
जबतक स्त्री कठोर नहीं बनेगी
पुरुष नहीं सुधरेगा।
ये नियम वही पाल सकती है।
जीवन में एक ही शख्स मेरा रहेगा।
यदि वो शख्स सबका होना चाहता है।
तो फिर मुझे छोड़कर वो सबका रहेगा।
क्योंकि बराबरी से नुकसान सिर्फ
स्त्री का है।
उसके मान सम्मान का है।-
भीतर के कृष्ण ने बताया है।
कोई अच्छा है या बुरा।
वो तू मुझपर छोड़।
तू तो यही देख क्या
करे जो हमारे कर्म सही रहे।
सिर्फ अपना पक्ष सही रख।
दूसरों का कर्तव्य उनपर छोड़।
किसी के संस्कार कोई और समझ
को कोई नहीं बदल सकता।-
जहां भी मुफ्त की चीजें हासिल हो।
वहां आप बुरी तरीके से फंसे है।
पिंजरे के चूहे जैसा।
मौत ही आज़ादी होगी।
मुफ्त की चीजें कही
भी उपलब्ध नहीं।-
चीजों को साफ साफ रखना चाहिए।
जहां रिश्ता है, व्यापार नहीं।
जहां व्यापार है,प्यार नहीं ।
इससे धंधा और रिश्ता दोनों
सुरक्षित रहता है।-
ये सत्य है, कहानी के किरदार
हकीकत में नहीं मिल सकते।
कुछ हद तक उस किरदार में
हम ढल सकते है, क्योंकि हमारी
खोज है।
लेकिन कोई और मनचाहा मिले
नामुमकिन खोज है।
जिसकी कोई मंजिल नहीं।
मूवी खुश करने का प्रयास है।
वास्तविकता रुलाती है।
यही सत्य है।
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एकांत शुरू में पीड़ा देता है।
भीड़ भ्रम है, एकांत सत्य है।
जितना जल्दी सत्य को स्वीकार
करे जीवन को समझ लेते है।
आखिरी क्षणों में एकांत
जिन्हें समझ में आता है।
समझो वो उलझे रहे और
सांसे निकल गई।
उलझे रहे झूठे माया जालों में।
न खुद को समझा न जीवन को।
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रिश्ता हमेशा त्याग और समर्पण चाहता है।
व्यापार में मुनाफा और
नुकसान देखा जाता है।
यदि फायदा नुकसान देखना है, तलाश
बिज़नेस पार्टनर की ही होनी चाहिए।
रिश्ता बनने के पहले पूछे एक
जगह दो चीजें नहीं मिल सकती।
मुनाफा और प्यार भी...
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