हिंदी आजतक पीछे क्यों रहा।
सबको लेकर चलने की आदत से।
सबका हित सोचने की आदत से।
किसी को धकेल के आगे नहीं
बढ़ने की आदत से।
जिस दिन हिंदी स्वार्थी हुआ।
ये विश्व में पहला दर्ज़ा पर होगा।
हिंदी बोलने पर गर्व करना सीखिए।
सनातन हिंदी और हिंदू को अपनाता है।
जय भवानी जय शिवाजी 🙏-
Happily Married ❤️
Instagram.com/ saswatshruti official
Sing... read more
किसी भी भाषा से कोई
ज्यादा तकलीफ नहीं।
सिर्फ हिंदी हर राज्य में
तकलीफ का कारण है।
हिंदी बोलने वाले लोगों को
इसका सम्मान करते हुए।
हिंदी को गुप्त मंत्र जैसा रखना चाहिए।
जो न समझे उसे इसकी कीमत पर
बतानी नहीं चाहिए।
इसे अपने लिए ही जपना चाहिए।
अपने फायदे के लिए।
राधे राधे 🙏-
सूरज तेज चमके तो आसमान पर चढ़ाई नहीं करते।
वैसे ही जिसकी संख्या ज्यादा है।
उससे झगड़ा लड़ाई नहीं करते।
उदारता में कोई चुप रहे।
तो उसके बड़प्पन पर
कोई करवाई नहीं करते।
जो खुद झुका हुआ है।
सम्मान दे रहा है।
उस के सिर की कटाई नहीं करते।
-
हक का और अधिकार का बात
साफ साफ करना ही चाहिए।
रिश्ता रहे अथवा टूट जाए।
जो आपका हक मार सकते है।
एक दिन आपको जिंदा गाड़ सकते है।
इसलिए मरे हुए रहने से अच्छा हक मांग लो।
जिसने भी हक छोड़ा है, अंत में महाभारत लड़ा है।
क्योंकि हक मारने वाले आपके नहीं होते
वो अपने स्वार्थ के होते है।
छीनकर खाने की आदत होती है।
मेहनत करने वाले छीनकर
नहीं खा पाते।
-
भगवान ने मंत्र और पूजा के विषय में बताया है।
यदि तुम्हारी बात से कोई सहमत नहीं।
उसे कभी भी पूजा करने के लिए मत कहना।
उसी तरह जिसे हिंदी पसंद नहीं ।
उनके पास हिंदी की विशेषता मत बताए।
उनके राज्य की भाषा अवश्य सीखे।
उनसे उनके भाषा में ही बात करे।
हमारी पसंद सबकी पसंद नहीं हो सकती।
इसका हम सबको ध्यान रखना ही चाहिए।
राधे राधे 🙏-
भारत की भाषा हिंदी अब विदेशों में भी सीखी जानेवाली भाषा है।
भारतीय संस्कृति और हिंदी
विदेश में भी लोकप्रिय है।
यहां तक कि हिंदी गाने भी विदेशी लोग सुनते है।
प्रांतीय भाषा प्रांत तक ही रहेगी।
लेकिन हिंदी कभी नहीं मिटेगा।
हिंदी हमेशा से था और रहेगा।
हिंदी के वजह से विदेशी लोग भी
प्रभावित है।
जब आते है,तो हिंदी में बात करना चाहते है।
"हिंदी है, हम वतन है,हिंदुस्तान हमारा।
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।"
भारत के अंदर सब राज्य है।
सब राज्य के अंदर भारत नहीं।
मेरा भारत महान,🙏
-
उत्तम से सर्वोत्तम वही हुआ जो अपनी आलोचना को सहा।
भाषा दो लोगों को जोड़ने का माध्यम है।
अगर प्यार से बोला जाए तो
आत्मिक बंधन बनता है।
इसलिए जिस भाषा से किसी के दिल में उतर
जाए उसका प्रयोग करना चाहिए।
जिस स्टेट में रहते है, वहां की भाषा जरूर सीखनी चाहिए।
उनलोगों को सम्मान भी देना चाहिए।
लेकिन सम्मान मांगने की वस्तु नहीं इस योग्य बनना चाहिए।
लेकिन ये बलपूर्वक नहीं स्वेच्छा से होना चाहिए।
जय महाराष्ट्र जय भारत 🙏-
ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोए।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए
प्यार से सबकुछ हासिल है
डर और धमकी से सिर्फ आतंकवाद होता है।
अपने ही देश र्मे ऐसी दुर्दशा अशोभनीय है।
जो हिंदी जानते है, टूटी फूटी मराठी बोलेंगे।
या अन्य भाषा का उपयोग करेंगे।
इससे भाषा का सम्मान होगा।
जिसे जो आता है ,बोलेगा बस वो
भाषा दिल तक पहुंचे।
गूंगे तो बिना बोले बहुत कुछ बोलते है
जय महाराष्ट्र जय भारत 🙏-
रोजगार उसे मिलता है।
जिसे काम करने आता है।
अगर रोजगार स्टेट में रहने
वाले के बाबत हुआ।
तो गुणवत्ता में गिरावट मिलेगी।
काम पाने के लिए हुनरमंद
होना अनिवार्यता है।
ये मारपीट और ईर्ष्या
का विषय वस्तु नहीं है।
भाषा और प्रांत इसका
निर्धारण नहीं कर सकते।
वैसे भाषा सीखना चाहिए।
क्योंकि आप एक और नया
भाषा का ज्ञान प्राप्त करते है।
जय महाराष्ट्र जय भारत 🙏-
ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोए।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए
प्यार से सबकुछ हासिल है
डर और धमकी से सिर्फ आतंकवाद होता है।
अपने ही देश र्मे ऐसी दुर्दशा अशोभनीय है।
जो हिंदी जानते है, टूटी फूटी मराठी बोलेंगे।
या अन्य भाषा का उपयोग करेंगे।
इससे भाषा का सम्मान होगा।
जिसे जो आता है ,बोलेगा बस वो
भाषा दिल तक पहुंचे।
गूंगे तो बिना बोले बहुत कुछ बोलते है
जय महाराष्ट्र जय भारत 🙏-