दो आज़ाद लोग प्यार जरूर कर सकते है।
लेकिन घर नहीं संभाल नहीं सकते।
एक को मूर्ख बनना ही पड़ता है।
अपना अस्तित्व को मटिया मेट करना ही पड़ता है।
आजाद पक्षी के घोंसले होते है।
इंसानों के घर ये है, बहुत बड़ा अंतर।
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Happily Married ❤️
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ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कानून और सहयोग
पुरानी महिलाओं के लिए ही थी।
तब ये बनी नहीं थी।
नई महिला को इसकी
जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रेम गरिमा, इज्जत और
सम्मान का ही दूसरा नाम है।
इसे जो छीने वो प्रेम
को करता बदनाम है।-
गलत लोग कभी सही नहीं होने देंगे।
अब वो गलती के तरीके और
तरकीब बदल लेंगे।
सही चीज उसके हकदार तक
न पहुंचा था।न पहुंचेगा।
बेसहारा,लाचार और पीड़ित तड़पता था।
और तड़पेगा,
भ्रम बना रह जाएगा अब पहले हथियार कौन उठाएगा???
कोई शरीफ बनने की कोशिश करेगा भी
तो इन लोगों से डर के गद्दार बन जाएगा।
यकीन करने के पहले सौ दफा सोचेगा।-
सच बोलने से अकेले रहना है।
जरूर रहेंगे लेकिन एक
सही शुरुआत करके ही दम लेंगे।
न पक्ष में रहेंगे न विपक्ष में रहेंगे
सच के साथ है, हमेशा निष्पक्ष रहेंगे।
अपने जैसा लोगों को बना के रहेंगे।
अंधेरे में दिया जला के रहेंगे।-
जिनके जीवन में श्रीकृष्ण को आना होता है।
वो सच्ची प्रेम के तलाशमें होते है।
हर रिश्ते में ढूंढते है।समर्पित रहते है।
एक दिन मजबूर हो के
भगवान को भेद खोलना पड़ता है।
माया से मोहित लोग में
सच्चा प्यार कहां से मिलेगा ।
इनका कल का भरोसा नहीं
जीवन भर का साथ देने
का वादा करते रहते है।
किस दिन इनकी आखिरी
सांस होगी ये तक तो नहीं जानते है।
सच चाहिए तो ईश्वर को ही चुनना पड़ेगा।
यदि सच्ची प्रेम में निष्ठा है।
तो तुम्हे "श्रीकृष्ण" का ही बनना पड़ेगा।-
ठगने के इरादे से किसी के
करीब जाओगे।
एक बार कामयाबी मिलेगी
फिर उस इंसान के मन से उतर जाओगे।
इससे ज्यादा कदम बढ़ा कर जान लेली
तो भी फायदा क्या जेल में ही
तो जीवन बिताओगे।
इसलिए दिल पसंद न करे नाटक
करने से दूर रहे।
साफ रहे ,सुरक्षित रहे।
हम ठगने जाते है, ऊपर वाला सब देखता है।
फिर वो ऐसा ठगता है, की सारी
चालाकी धरी रह जाती है।
नीचे काटने भेजा था,अब नीचे
के भी जेल में काटनी पड़ती है।-
एक पुरुष को पुरुष बनने के लिए।
रिश्तों को सही तरीके से संभालने
आना चाहिए।
उसे समझ में आना चाहिए।
हर रिश्ते में उसका कितना
योगदान करना है।
जिस दिन वो समझकर चलेगा।
स्त्री उसे सताना बंद कर देगी।
और सताने वाली स्त्री
उससे दूर रहेगी।
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कहानी पूरी लिखी होती है।
हमलोग अज्ञानता में जीने से
ज्यादा बदलने की कोशिश करते है।
लेकिन कहानी और किरदार दोनों ही तय है।
सिर्फ जीवन जीने का हिसाब सही रखे
तो एक अच्छी जिंदगी
गुजारी जा सकती है।
कहानी के किरदार को
बदलने की कोशिश ही
तकलीफ देह और दुर्घटना का स्रोत है।
ज्यादातर लोग यही पर अपनी
कहानी को कचड़ा करते है।-
एक अच्छा पुरुष अपने
अंदर एक स्त्री को भी महसूस करता है।
जो उसे किसी भी फैसले में करुणा,
ममता और दया करने की क्षमता देती
है।
वो निर्मम, निठुर और रुक्ष
होने से डरता है।
वो सिर्फ फैसला नहीं कारण
को समझ कर फैसला लेता है।
इसलिए वो पुरुष मर्यादा को
समझकर मर्यादित हो जाता है।-
कानून और महिलायोग उन परिवार
के लिए बनाए गए थे।
जो लाचार और सीधे साधे थे।
लेकिन सही मानो में कानून
का उपयोग शातिर लोग करते है।
लाचार हमेशा से सहता हुआ
दम तोड़ देता है।
कानून के नियम का गलत उपयोग
शातिर और उनका गलत इस्तेमाल
सही लोगो पर होता है।-