मगर फ़ैसला बड़ा थातुम थे बस एक कदम दूरऔर मैं आंख मूंदे खड़ा था। -
मगर फ़ैसला बड़ा थातुम थे बस एक कदम दूरऔर मैं आंख मूंदे खड़ा था।
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नहीं पहनना चाहती ये चाहत की चूड़ियांजब भी टूटेंगी, मुझे ही चुभेंगी। -
नहीं पहनना चाहती ये चाहत की चूड़ियांजब भी टूटेंगी, मुझे ही चुभेंगी।
मिल जाए तुम्हें अगर 'रूह' कोई तो मत घबराना,समझ लेना हमने जीते जी तुम्हें पाने की उम्मीद छोड़ दी है। -
मिल जाए तुम्हें अगर 'रूह' कोई तो मत घबराना,समझ लेना हमने जीते जी तुम्हें पाने की उम्मीद छोड़ दी है।
"सोचती हूँ कि क्यों नहीं आती तेरी यादें मेरे ज़हन में अब,लगता है तुमने यादों को भी नज़रअंदाज़ी का हुनर सिखा दिया है।" -
"सोचती हूँ कि क्यों नहीं आती तेरी यादें मेरे ज़हन में अब,लगता है तुमने यादों को भी नज़रअंदाज़ी का हुनर सिखा दिया है।"
कुछ इस क़दर पुनर्जन्म के हम मेहमान हो गएजब आए तुम तो जिंदा हुए, चले जाने पर बेजान हो गए। -
कुछ इस क़दर पुनर्जन्म के हम मेहमान हो गएजब आए तुम तो जिंदा हुए, चले जाने पर बेजान हो गए।
परिंदे थे हम दोनों ही मगर हमें दायरे का अहसास था,'आकाश' था तुम्हारे लिए, हमारे लिए 'ऐ काश!' था। -
परिंदे थे हम दोनों ही मगर हमें दायरे का अहसास था,'आकाश' था तुम्हारे लिए, हमारे लिए 'ऐ काश!' था।
जलाना मत, दफ़ना देना मुझे मिट्टी में कि थोड़ी ठंडक मिले,रक़ीबों के साथ देखकर तुम्हें, आज़तक जला ही तो हूँ। -
जलाना मत, दफ़ना देना मुझे मिट्टी में कि थोड़ी ठंडक मिले,रक़ीबों के साथ देखकर तुम्हें, आज़तक जला ही तो हूँ।
भले तू लाख गलतियाँ गिना मेरी,मैं आज भी तुझसे किए प्यार को उनका 'अपवाद' मानती हूँ। -
भले तू लाख गलतियाँ गिना मेरी,मैं आज भी तुझसे किए प्यार को उनका 'अपवाद' मानती हूँ।
काश! मेरी भूल जाने की आदत को तुम आदत ही रहने देते,ऐसी आदत छुड़ाकर फिर हमें ही छोड़ जाना, अच्छी बात नहीं। -
काश! मेरी भूल जाने की आदत को तुम आदत ही रहने देते,ऐसी आदत छुड़ाकर फिर हमें ही छोड़ जाना, अच्छी बात नहीं।
" आँखें भी ये कमाल बड़ी न जाने क्यों ये तरस रहीं सावन को जलाया हिज़रा में खिज़ा आने पर ये बरस रहीं " -
" आँखें भी ये कमाल बड़ी न जाने क्यों ये तरस रहीं सावन को जलाया हिज़रा में खिज़ा आने पर ये बरस रहीं "