बुरा ज़रा सी किसी बात पर लगता है,
दिल कहीं और जा कर दुखता है।
आंसू कुछ और याद कर के आते हैं,
गम किसी तीसरी बात का होता है।
एक टीस सी मन में उठती है,
आवाज़ कोई पुरानी चुभती है।
सांसे भागती हैं दिमाग के मैराथन में,
आंसू टप टप सीने तक बारिश लाते हैं।
उंगलियां हैरानी में कांपने लगती हैं,
कंधे थक गए होते हैं बोझ उठा उठा के
और मन बोझिल हुआ चोट खा खा के।
विश्वास को खुद पर ही कोई विश्वास नहीं,
किसी चमत्कार की भी अब कोई आस नहीं।
पर जियो क्योंकि जीना एकमात्र विकल्प है
और विलाप करने से कुछ बदलता नहीं।
सिर्फ जीने से काम चलता नहीं।
- eram arora-
#eramtwoliners #eraMother #period_poem
#eramghaza... read more
Sometimes, when pain exceeds my capacity
All I see are the blades and the sleeping pills
that I am always asked to stay away from.
But, I don't know if someday I do
what I shouldn't have done.
I don't care what the world thinks of me
but I hope I won't be called a coward.
I hope the World will say that she fought
and she tried till the end but gave up
because pain could be tolerated but
a damage to your self respect couldn't.
I hope the world will discover that
I didn't kill myself as I was killed already.
- eram arora-
माँ कहती है कि वो नहीं चाहती
उनके जीवन के काँटे मुझे चुभे।
शायद इसीलिए उन्होंने कभी मुझे
फूल समझ के बड़ा नहीं किया।
- eram arora-
इधर उधर आस पास
देखती हूं लोगों को
सोचती हूं इतना भी
मुश्किल नहीं है
खुश रहना।
पर तुमने कुछ भी
मेरे लिए अब
आसान नहीं छोड़ा।
- eram arora-
शायद कुछ नहीं चाहिए
कुछ भी नहीं चाहिए
अपने आप से
इस ज़िंदगी से
बस कुछ सवालों के जवाब
और कुछ नहीं
और ये मान कर नहीं जीना
कि नहीं मिल सकते कभी
जवाब मेरी बातों के
- eram-
वक्त हमसे जो छीन सकता है वो कोई नहीं छीन सकता।
वक्त हमे जो दे सकता है वो कोई नहीं दे सकता।
-