सारी कुबत मेरी जो भी दौलत हैं!!
सब कुछ मां बाप की बदौलत है!!-
ये गम ही तो है जो पानी सा बरस रहा है!!
कितनी मांओं का दर्द आसमां सह रहा है!!
जो आंखे इतना रोई है जलजला ला दिया!!
हर दिल पिघला दिया कारवां कह रहा है!!
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अरसा बीत गया वो चाय पिए!!!
अपनत्व की सुगन्ध स्वाद लिए!!
वो पुरानी छोटी सी दुकान गए!!
कांपते हाथों से वो कप लिए!!!-
जुड़ाव जरा मुश्किल लगता है!!!
बिगाड़ बड़ा जल्दी हो जाता हैं!!
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किनारे नाप ले इश्क़ जरा फिर आए हम!!
धड़कने तेज़ है कहीं आगे ना चले जाए!!-
ये कब कहा हमने!!! के तुम खूबसूरत नहीं!!!
गुलज़ार और भी है!! चांद कोई कमी नहीं!!-
लोग उतने तन्हा होते नहीं बेशक!!!
जितने मिजाज़ पेश किया करते हैं!!
चेहरे पर वो रूखापन वो उदासी!!
सब फरेब है जो भी पेश करते हैं!!-
खूबसूरती तो इस जहां में फैली है!!
दिल खूबसूरत है लोग भी बेशक!!-
आंसू फजुल ही नहीं निकलते!!
उतना दर्द जो थाम नहीं पाते!!
लोग छिपाते हैं मर्ज सबसे ही!!
चेहरे के भाव थाम नहीं पाते!!-