मानव होने पर जैसे अब तो लगता धिक्कार है ,
प्रकृति को कर अधीन जैसा उस पर उसका अधिकार है ..
विकास के नाम पर होता कैसा ये खिलवाड़ है,
धर्म, धरा भी अब चीख उठी कैसा ये अत्याचार है ..
प्रकृति के छीने जंगल, तो काटे जा रहे पहाड़ है ,
अब रौद्र रूप दिखलाती धरती की नदियां
चारों ओर त्राहि बस चीख पुकार है ..
कैसा ये विकास है ,
अंत बहुत ही पास है ..🙏🙏जो मच रहा कोहराम है ,
मदद की पुकार है ,या हाहा कार है .-
Er. Sagar Rawat
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ये follow ,Unfollow ka ढोंग हमसे न खेला जाएगा..
मुझे तमन्ना नही की तुम मुझ... read more
ये follow ,Unfollow ka ढोंग हमसे न खेला जाएगा..
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Joined 27 August 2019
28 AUG AT 0:55
24 AUG AT 9:32
मेरी विवशता को समझो माधव,
न तो मैं अर्जुन हूं , न आप जैसा कोई सारथी मेरा ..
🙏🙏-
18 AUG AT 6:59
मनुष्य
सब हार गया अपने अहंकार से ,
जबकि
जीत सकता था सब अपने संस्कार से ..
🙏 राधे राधे 🙏-
2 AUG AT 22:54
कानून की उड़ रही धज्जियां ,
अदालतें हो रही अपंग ..
कागज की नाव पर तैरती भर्तियां ,
बेरोजगार बैठा युवा ,
क्या यही है आजाद देश ढंग ..
🙏-
27 MAY AT 10:01
प्रतिबंधित क्षेत्र सा मैं ,
तो मुझ तक पहुंचने वाले बेहद करीबी और खास ही होंगे..
💕-
24 MAY AT 18:16
अगर यह तय है कि,
जीवन में जो किया और दिया है
वो लौट कर आएगा ,
तो
क्यों न सिर्फ खुशियां और दुआएं ही दी जाए.-
2 MAY AT 5:58
तुम्हारी फितरत ही थी रेत जैसी ,
जितना सहेजा हमने उतना फिसलते रहे तुम..
😊-
2 MAY AT 5:54
अब तो सीधे दिल में चुभती है तेरी बाते ,
आखिर तेरी मोहब्बत का भरम जो पाल रखा है हमने..
💕-