18 JUL 2020 AT 17:53

लिखना चाहूँ पर न लिख पाऊँ
कोई पैगाम कभी तुम्हारे नाम
तड़प जब दिल में उठती है
यादों का उमड़ पड़ता तूफान

तुम्हारी यादों के घने बादल
दिल पर छाए ही रहते हैं
बरस जाते हैं ये आंखों से
टूटते जब दिल के अरमान

साथ चलकर कुछ दूर तक
जीना तुमने था सिखलाया
राह में जब तुमने छोड़ा साथ
जिंदगी हो गई वीरान

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