जीवन के सफर में हम कई किरदार निभाते हैं
कभी रोते कभी हंसते कभी गुमसुम हो जाते हैं
हमें मालूम नहीं होता आखिर जाना कहाँ हमको
जाने किसके इशारों पर हम आगे को बढ़ते जाते हैं
क्या खोया, क्या पाया, यहाँ जीने का मकसद क्या
समझ में कुछ नहीं आता बस यूँ ही जीते जाते हैं
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12 JUL 2020 AT 15:11