जीवन के हर मुकाम पर .
जैसे खुशियाँ नही मिलती
बाज़ार में दुकान पर |
पसीना बहाए बिना यहाँ
कुछ हासिल नहीं होता .
तकदीर के सहारे ही
हर कोई काबिल नहीं होता |
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4 JUL 2020 AT 21:31
जीवन के हर मुकाम पर .
जैसे खुशियाँ नही मिलती
बाज़ार में दुकान पर |
पसीना बहाए बिना यहाँ
कुछ हासिल नहीं होता .
तकदीर के सहारे ही
हर कोई काबिल नहीं होता |
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