31 JUL 2020 AT 11:41

दूर हूँ उससे लेकिन फिर भी प्यार बेशुमार करता हूँ
जानता मै नहीं उससे क्यों इतना प्यार करता हूँ
मुझे मालूम है मुमकिन नहीं उससे कभी मिलना
न जाने क्यों तब भी शिद्दत से उसको याद करता हूँ
उसके रुप का जादू दिल पर इस कदर छाया है
ख्यालों में उसके चेहरे का रोज दीदार करता हूँ
उसे अहसास नहीं कोई उस पर जान छिड़कता है
अपने दिल की धड़कनों से उसे सलाम करता हूँ
उसकी आवाज सुनने को दिल बेताब रहता है
दिल पर हाथ रखकर मै मन ही मन बात करता हूँ
जहाँ भी है रहे वो खुश दुआ दिल से निकलती है
उम्र भर उसे मिले खुशियाँ अर्ज बारम्बार करता हूँ

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