1 AUG 2020 AT 10:35

बता दो तुम कि कैसे हम दिल को अपने समझाएं
तुम्हारी यादों के मधुवन से कैसे हम दूर चले जाएं
चांद की रोशनी जैसी तुम्हारी यादों की आभा है
बताओ चांदनी के आंचल से क्या महरूम हो जाएं
तुम्हारे प्यार की खुशबू ने जीवन को है महकाया
कैसे इन बहारों को छोड़ पतझड़ की ओर चले जाएं
बता दो बस इस दुनिया में तुम बिन हम जिएं कैसे
तुम्हारी यादों से लिपटे हम जिएं न तो क्या मर जाएं
दुआ रब से मांगते हैं जीवन में ऐसे कभी पल आएं
हमारे सामने हो तुम और हम खुशी से कहीं न मर जाएं

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