6 JUL 2020 AT 16:31

अहसास है मुझे तुम हो यहाँ नहीं
फिर भी जाने क्यों होता नहीं यकीं
रहते हो तुम सदा खयालों में मेरे
नजरों से हुए दूर दिल से कभी नहीं
आंखों में है रहती तस्वीर तुम्हारी
मिलने की तुमसे चाह घटती कभी नही
तुमसे थी रोशनी जीवन में हमारे
तुम दूर क्या हुए खो गई चांदनी
खलती है सदा हमको कमी तुम्हारी
जबसे तुम हुए दूर आंखों में है पानी
दिल खोजता तुम्हे दुनिया की भीड़ में
आती नहीं नजर कहीं छवि तुम्हारी
लगता है बस तुम दिख जाओ एक बार
जीवन के अंधेरे में छा जाए रोशनी
जब तक तुम साथ थे न थी कोई कमी
जबसे हुए जुदा हम हो गए यतीम

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