तुम मिल जाती भी तो क्या होता, न वफ़ा मिलती न इश्क़ होता।
बेशक अकेला हू अभी भी, मर जाता गर तुझे पा कर भी तन्हा होता।।-
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Up-78,Uttarpradesh
भूल ... read more
सज़ोगी संवरोगी फिर हुस्न पर अपने इतराओगी‚
क़त्ल मेरा करोगी मेंहदी खून की लगाओगी।
भर जायेगा मन जब उससे भी तुम्हारा‚
फिर एक और जनाजा अपने कांधे पर उठाओगी।।-
टूट रहा था इश्क़ कही पर कही पर हसी ठिठोली थी,
उठ रही अर्थी उसी गली में जहां से निकल रही तेरी डोली थी।
खतम हो गया वो किस्सा पुराना तेरी हुई नई शुरुआत थी,
वो लेता चित्त चिता पर तू बिस्तर पर सज धज बिल्कुल तैयार थी।।-
टूट रहा कुछ सीने में थोड़ी दवा उधार दोगी क्या,
भूल नहीं पाता तुमको अपनी यादों को मार दोगी क्या?-
बैठा मधुशाला में पी रहा तेरे होंठों से जाम प्रिये।
तन्हा मै तेरी यादें यही है इश्क़ का अंज़ाम प्रिये।।-
बाहों में भर लो लबों को छू लो कर दो प्यार की बरसात प्रिये।
थकी लग रही हो सुबह–सुबह अभी तो बाकी है सारी रात प्रिये।।-
मौसम है इश्क़ का तुम आराम कर रही हो।
बैकअप तैयार कर मुझे बदनाम कर रही हो।।-
मैं ठंडी–ठंडी बारिश की बूंदे तुम कीचड़ का जंजाल प्रिये।
मैं देता तुमको ठंडक तुम बन नागिन डसने को तैयार प्रिये।।-
सुबह को शाम किए बैठा हू इश्क़ हराम किए बैठा हू।
तुम आती हो तूफ़ान सी और मैं बरसात लिए बैठा हूं।।-
पहले था कुछ अलग अब तुमसा हो गया हूं।
प्यार होता नहीं मुझसे अब मैं भी बेवफ़ा हो गया हूं।।-