अगर किसी को किसी से प्यार ना हो
तो सब कुछ कितना आसान हो-
🎂1993
ज्यादा लिखने का हुनर नहीं है हमे
फिर भी आपको इक अल्फाज़ में बयां करते हैं
ये जो चांद तारे चमकते हैं आसमां में
जाने मुझे क्यूं तुम्हारे सामने सब फीके लगते हैं-
किसी एक की खातिर हम और लोगो को छोड़ देते हैं
रास्ते अगर गंदे हो तो चलना थोड़ी छोड़ देते हैं-
अगर मोहब्बत ,शराब से भुलाई जाती
तो हमारे जैसो की मयखाने में भीड़ लग जाती-
मैं जो बात-बात पर चाय सिगरेट पी रहा हूं
तुम ऐसा समझो जैसे मोहब्बत के दर्द की दवा पी रहा हूं-
सब कुछ अपना हम कुर्बान कर देंगे
एक ही जान है ,जान के नाम कर देंगे-
जब वो मिलते हैं जाने ये वक्त क्यूं रफ्तार पकड़ लेता है
वो कंधे पर सर रखते ही हैं जाने कौन है जो सूरज को चांद कर देता है-
काश खुदा हमें भी तुम्हारे जैसा लिखने का हुनर देता
तुम्हें तो चांद बनाया बस हमें एक तारा ही बना देता-
काश वो मिले और बारिश हो जाए
भीगते रहे एक साथ चाहें सुबह से शाम हो जाए-
किसी की याद आ जाए तो उसे भुलाते कैसे हैं
हमें कोई तो बताए दर्द में मुस्कुराते कैसे हैं-