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Technical Engineer at Ultratech Cement
, a councelling talker ... read more
कितनी कोशिश करते हैं हम
कितना कुछ पाने के लिए,
फिर क्यों कुछ बाकी नहीं रहता
वापस ले जाने के लिए !!-
मयस्सर अब उनसे मुलाक़ात भी मुश्किल है
इज़हार क्या करें अब पुरसाहाल मुश्किल है,
सुना है वो जा रहा मेरा शहर छोड़ के
वो आएगा फिर लौट के ये बात मुश्किल है ,
उस दिन की तरह मैसेज आया नहीं उसका
मैं पूछ लूं ये उससे पर सवाल मुश्किल है ।।-
नहीं करना कभी ओझल आंखों से मेरी मां को
दुआएं जब भी करता हूं तो मां का नाम मिलता है,
मां की गोद में सर रखकर चैन की नींद आती है
हमें तकिया लगाने से कहां आराम मिलता है ।।-
चलके कुछ दूर अब हम भी रस्ते भूल जाते हैं
यहां अपने ही आंखों में डालकर धूल जाते हैं,
जमाना एहमियत देता हमेशा फिजूल चीजों को
तोड़कर बागों से गुलदस्तों में रखे फूल जाते हैं ।।-
मता-ए-जां खाली है वो शख्स वहां ही नहीं है
मुझे आवाज दे कोई और मुझे सुनना ही नहीं है,
मैंने आईने में देखा कुछ दिखा ही नहीं मुझको
यह कैसी शराब है जिसमें नशा ही नहीं है।।-
इससे अच्छा तो हम मौत को गले लगा लेते
यार बिछड़ने से पहले जाने का पता देते,
एक अधूरी बात थी जो तुमसे कह ना सके हम
अगर कह पाते तो वापस तुमको बुला लेते ।।-