जब फितरत में ही जलाना हो सबको
तो कैसे बचेगा समाज जलने से
बदल कर देख ली फितरत भी हमने
बाहर निकलना पड़ता है सुविधा क्षेत्र से-
Dil thoda jazbati hai bhar jata hai baaton se ...
Pa... read more
जो धुन पसंद आए गुनगुनाते चलो
बदलते वक्त को अपनाते चलो
दुख दर्द हिस्सा है जिंदगी का
आप बस मुस्कुराते चलो-
बेशक प्यार में ही कोई ताकत होगी
वरना भूले तो हम बहुत कुछ है एक तेरे सिवा-
कलम से निकली स्याही ने तेरी परछाई बनाई है
मेरी पहचान भी घरवालों को इस कलम ने कराई है
गोलीबारी के नतीजे ने तो मेरी पहचान भी मिटाई है-
पहले भी रहा और आज भी है
तन्हाई में पहले बेचैनी थी पर अब सुकून है
तन्हाई का वक्त पहले गुजरता नहीं था पर अब सारा वक्त तन्हा ही गुजारना चाहते हैं-
मेरे दिल से पूछोगे तो जवाब हां ही मिलेगा
जो अपने दिल से पूछोगे तो रास्ता भी मिलेगा-
इस बार बिखर गया इश्क मेरा ना रहा
मगर बिखरा हुआ भी तेरा ही तो था
कैसे कहोगे अधूरा इश्क को मेरे
तेरे नाम का था जो तुझसे समेटा ना गया-
तमाम खूबसूरत नज़ारों को
सूरज चांद सितारों को
घर दोस्त रिश्तेदारों को
देकर आखरी राम राम
कह चले अलविदा-