ये जो वीरान सा रास्ता है, मेरे दिल तक पहुंचता है।
कहाँ हर कोई भला मंजिल तक पहुंचता है।
डूब जाती हैं कई कश्ती इश्क के समंदर में,
जरूरी नहीं कि हर कोई यहां साहिल तक पहुंचाता है।
-
.
Birthday 8 October
गुमनाम शायर.....
जमाने में हर शख्स ने ... read more
यह माना कि इंसान को इस दुनिया से अकेले ही जाना है लेकिन जाने वाले के पीछे चलने वालों का काफिला ही बयां कराता कि तुम्हारी शौहरत क्या थीI आप कितने अमीर हो यह आपकी दौलत नहीं बल्कि आपके दोस्तों से पता चलता हैI
-
ऐतबार-ए-इश्क़ न रहा मुझे अबI
गर खुदा को पूजता तो मिल भी जाता मुझेII
-
तलाश रहा हूँ मैं खुद को।
जो गुम हो गया है कहीं खुद में॥-
ख्वाहिशें मुझसे मेरी छीन ले गए वो,
मुझसे मेरी नींद ले गए वो।
वो जानते थे कि मर जाएंगे हम वगैर उनके,
फिर भी सांसें मुझसे मेरी छीन ले गए वो॥-
इल्ज़ाम लगा था, कि कातिल हूं मैं उनकी ख्वाहिशों का।
बात खिलाफ गवाही की आई तो, सिरे से मुकर गया वो॥-
छोड़ दिया है अब चहरों को पढ़ना मैंने।
हर कोई नक़ाब पर नक़ाब जो ओढ़े है यहां॥-
चला गया मेरा इश्क भी मेरे महबूब के साथ ही.!
मुहब्बत के इस शहर में अब केवल वीरानियां रहती हैं..॥-
अब तो तुम्हारा पता मुझसे,
तुम्हारी तोहफे में दी हुई हर किताब भी पूछने लगी हैं।
मेरी आंखें अब मुझसे,
मेरे आंसुओं का हिसाब भी पूछने लगी हैं,।
न मर सका, न ही जी रहा हूं मैं,
तुझसे यूं बिछड़ जाने के बाद...
जिन्दा रहोगे या फिर मर जाना है तुम्हें,
यह बात मुझसे अब मेरी हर सांस भी पूछने लगी हैं॥-
इश्क को जरा परवाही से करना जनाब,
बेपनाह इश्क वालों को दर-दर भटकते देखा है मैंने..!!-