5 JAN 2020 AT 16:10

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए'
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए !

रोज़ जो चेहरे बदलते है, लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए !!

- जितेन‌ बंशीवाल