ER Jitendra Kumar Regar   (जितेन‌ बंशीवाल)
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Joined 8 May 2017


Joined 8 May 2017
16 NOV 2021 AT 20:11

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26 SEP 2021 AT 7:43

Jiten Banshiwal

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19 JUN 2021 AT 14:02

जो तेरे साथ रहते हुए सौ गंवार हो....
लानत हो ऐसे शख्श पर ,और बेशुमार हो.....
अब इतनी देर भी ना लगा....कहीं ये ना हो....
तू आ चुका हो और तेरा इंतज़ार हो.....
मैं फूल हूँ तो तेरे बालो में क्यूँ नही...
तू तीर है तो कलेजे के पार हो....
एक आस्तीन चढ़ाने की आदत को छोड़कर....
'केपी' तुम आदमी तो बहुत शानदार हो......
(केपी तिंवरी)

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11 APR 2021 AT 14:21

कहीं जिद्द पूरी,कहीं जरूरत भी अधूरी !
कहीं सुगंध भी नही, कहीं पूरा जीवन कस्तूरी !!

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11 APR 2021 AT 0:05

आ जाता हैं कोई समझौता मेरे हिस्से में ,
जब कोई कहता है बहुत समझदार हो तुम.!!

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29 JAN 2021 AT 11:15

एक टूटी हुई जंज़ीर की फ़रियाद है हम.
और दुनियां समझती है कि आज़ाद हैं हम....!
हमको इस दौर की तारीख़ ने दिया क्या 'कुलदीप'.
कल भी बर्बाद थे आज भी बर्बाद है हम....!!

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5 JAN 2021 AT 21:38

चाय दुनिया का सबसे बेहतरीन
मादक पदार्थ है ,
जिसका सेवन करते वक्त
मुझे जरा सा भी संकोच नहीं होता ..

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29 DEC 2020 AT 15:31

अंतरात्मा से जब तक "निश्चिन्त रहो "
की प्रतिध्वनि नहीं निकले ......
उस क्षण तक कर्म करते रहो

डॉ. मनोहर सिंह महेचा

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26 DEC 2020 AT 8:57

‘यह भी अदा थी एक मेरे बड़प्पन की, कि जब भी गिरूं मैं, गिरूं समुद्र पार ,मेरे पतन तट पर गहरी गुफा हो एक, बैठूं मैं समेटकर जहां अपने अधजले पंख... फिर मैं दिखा सकूं कि पहला विद्रोही था मैं , जिसने सूरज को चुनौती दी थी.
:- धर्मवीर भारती

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18 DEC 2020 AT 13:18

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती -
स्वयंप्रभा समुज्जवला स्वतंत्रता पुकारती !
अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़-प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य पंथ हैं - बढ़े चलो बढ़े चलो !!

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