Er.bhagat singh bhati   (तेरी यादें..📑..)
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Joined 18 June 2018


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Joined 18 June 2018
10 AUG 2021 AT 20:02

किसी को याद करके रो लेता हूँ..

कुछ यूँ किस्तों में रोज़ मर लेता हूँ...!!

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10 JUN 2021 AT 21:13

अब जब तन्हा-तन्हा रहता हूँ..
अब बस तुम्हारें ही साथ होता हूँ..!!

सब कहते है चुप-चुप से क्यों रहते हो..
उन्हें सुनाई ही नही देती जो बातें तुमसे करता हूँ..!!

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10 JUN 2021 AT 21:09

ऐसा क्या टूटता हैं दो लोगो को बीच कि..


टुकड़े भी नही मिलते..!!

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9 JUN 2021 AT 22:41

कुछ भी सच था हमारे दरमियाँ..!!

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8 JUN 2021 AT 21:43

ग़र कर लेता मोहब्बत मैं भी किसी और से..
ये रातें यूँ आँसुओं में ना बीतती..!!

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7 JUN 2021 AT 22:34

मैंने तो हाथ नही छोड़ा था तुम्हारा,
तुमने ही छुड़ा लिया हाथ अपना झटक कर..

मैं तो रुक गया उसी रास्ते पर,
तुम दिखे मुझे वहीं किसी और का हाथ थाम कर..

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7 JUN 2021 AT 22:31

तुम चले गए छोड़ कर कुछ और बात बना कर,
असल बात कुछ और थी ये पता था मुझे..

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6 JUN 2021 AT 21:16

ग़र पढ़ सकते तो मेरे कोरे खतों को ही पढ़ लेते..
अब लिख कर हाल-ए-दिल बताऊँ कैसे..!!

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6 JUN 2021 AT 21:12

निकल जाना नज़रे चुराकर ग़र टकरा जाए किसी मोड़ पर,

मेरी आँखों मे दिखता अक्स तुम्हारा तुम्हें नज़रे झुकाने को कहेगा..!!

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6 JUN 2021 AT 21:10

मत आना अब तुम मिलने मुझसे,
देखा नही जाएगा तुमसे हाल मेरा..

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