करके मुझसे अहद-ए-वफ़ा
फिर वो तोड़ जाए तो
ग़र के इश्क़ में फिर बिखरे हम
और फिर जुड़ न पाये तो-
तुम्हारा होने के फ़ैसले को मैं अपनी क़िस्मत पे छोड़ता हूँ
अगर मुक़द्दर का कोई टूटा कभी सितारा तो मैं तुम्हारा
ग़ुरूर-परवर अना का मालिक कुछ इस तरह के हैं नाम मेरे
मगर क़सम से जो तुम ने इक नाम भी पुकारा तो मैं तुम्हारा-
चलो ये माना हम आपसे बात नहीं करते
पर ऐसा नहीं की हम आपकी बातें नहीं करते-
ख्वाब देखती हो अपनी नींदों में तुम
तो तेरे नींदों से गुज़र के देखते हैं
आँखे रात तारों, जुगनुओं की तरह खूबसूरत है
तेरी आँखों में बसर कर के देखते हैं
कोई घर है क्या आपके दिल के शहर में?
तो उस घर में ठहर के देखते हैं
और हम ने वैसे भी तो मर ही जाना है
तो ऐसा करते हैं, तुम पर मर के देखते हैं
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ग़र हम पूछ ले, इश्क़ है मुझसे?
और फिर वो मुस्काये तो
आंखें तो सब कुछ कहती है
पर वो आंख मिलाए तो
शफ़क़, धनुक, मेहताब, घटाए,
तारे, नगमे, बिजली, फूल
उस दामन में क्या-क्या कुछ है
वो दामन हाथ में आए तो
हाल-ए-दिल, क्या होगा
मोहब्बत फिर हो जाए तो-
मैं ज़ाम उठा रहा था के तुम याद आ गये
तुमको भूला रहा था के तुम याद आ गये
इक दोस्त अपनी जाने-तमन्ना का कोई खत
मुझको सुना रहा था के तुम याद आ गये-
Dil wo bakhshe hai na jaan bakhshe hai
Khoon leke mera wo aab bakhshe hai-
Kya dilkash manzar hota hai
Kya dilkash ratein hoti hai
Jab unka tasavvur hota hai
Aur chand se batein hoti hai
Hum hote hai, wo hote hai
Aur chandni ratein hoti hai
Ek chand ko takte rehte hai
Ek chand se batein hoti hai
Main jo shayar kabhi hota tera sehra kehta
Chand ko chand na kehta tera chehra kehta
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