Eklavya mahapuri   (चन्द्रलेखा चाँदनी)
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Architectur student🏗️
Joined 23 February 2021


Architectur student🏗️
Joined 23 February 2021
23 MAY 2021 AT 21:45

सिसकती आँखों मे बस ख्वाब तुम्हारा है
कब तलक करें इंतजार, हक हमारा है
खो चुके हैं हर उम्मीद चाहत की तुम से
ख्वाब में ही आया करते हो हमसे मिलने
अब आ भी जाओ की दिल बस तुम्हारा है

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17 MAR 2021 AT 22:57

जिन्दगी कुछ इस तरह से गुजार रहा हू
वक़्त के अंधेरों मैं खुद को ढाल रहा हू
यूँ तो कहने के लिए जिन्दा हू

मगर जो वादे तूने किए थे मुझसे
दौलत के रूप में उन्हे निहार रहा हू
इतनी बड़ी दुनिया में तू ही तो था मेरा
न जाने मै कब से तुझे पुकार रहा हू

जिन्दगी की खुशियों का नया तोहफा तुम्हें मुबारक
तुम्हारी जिन्दगी में न हो गमों का साया
मैं जाते - जाते यही पुकार रहा हू

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14 MAR 2021 AT 21:53

तू आयेगी ये एतबार किए जाऊँगा
तुझको हर मोड़ पे आवाज़ दिए जाऊँगा

न रुसवा करूँगा तुझे ज़माने में
मैं लबों को अपने सिए जाऊँगा

तमन्ना है तेरे साथ जिंदगी जीने की
इसी आरजू में बरसों जिए जाऊँगा

मुझे न चाहना तेरा फ़ैसला सही
मेरा ईमान तेरी पूजा किये जाऊँगा

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14 MAR 2021 AT 14:04

सच्चा प्यार वही है जो कुछ सिखा कर चला जाए 🥀


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12 MAR 2021 AT 23:42

वो मुझे आज भी याद करती है
दिल में गहरा राज छुपाए रहती है

दिन मे हस्ती खेलती रहती है
चांदनी रात में बैठ कर याद करती है

बेचैन होती है वो जब उसको मेरी याद आती है
उसकी पलके आंसुओ से भर जाती है

वो मुझे आज भी मन ही मन प्यार करती है
मगर न जाने क्यों जताने से डरती है

वो मुझे आज भी याद करती है
दिल में गहरा राज छुपाए रहती है

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10 MAR 2021 AT 20:47

उसने पलट के भी ना देखा हम वहा थम से गए जब घर आए तो एहसास हुआ मानो दुनिया को पीछे छोड़ आए ।

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