Ekbal Apoorv   (एकबाल कुमार)
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Joined 12 August 2021


Joined 12 August 2021
23 APR 2022 AT 22:45

तुम जो दूर दूर रहने लगी हो ।
मसाअल्हा
और भी , हसीं लगने लगी हो । ।

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9 APR 2022 AT 1:43

वक्त बहुत कम है , जाना बहुत दूर है ।
थका हुआ मुसाफ़िर भी , चलने को मजबूर है ।।

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5 APR 2022 AT 22:34

आइने को टुकड़े
कर के देखिए ।
सूरत बदलना है तो
कभी संवर के देखिए ।।
बेमौत मरेगा आप पे मरने वाला ।
मगर
आप भी तो कभी
उसे मुड़ कर देखिए ।।
( #गज़ल अंश )

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5 APR 2022 AT 21:45

क्यूं रूह को
जिस्म की बाज़ार में
लिये फिरते हो ।
सही क़ीमत नहीं
मिला क्या, दिल के बाज़ार में ।

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2 APR 2022 AT 0:22

वो मेरी
जलेबी तू इतनी सीधी क्यूं है ।
जब संभला नहीं जाता , तो
इतना पीती क्यूं है ।।

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1 APR 2022 AT 21:04

लिख रहा हूं खत ,
उस तक पहुंचे तो बात बने ।
बात जो खत में है , दिल तक
पहुंचे तो बात बने ।।

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1 APR 2022 AT 20:13

ना कर
बात फिर से
दिल लगाने की ।
देख ली हमने
हर बात
इस ज़माने की ।।

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29 MAR 2022 AT 0:42

छोड़
दी हमनें ईश्क
अब तेरे भरोसे पर ।
जब तुझे
यकीं हो जाए तो बता देना

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29 MAR 2022 AT 0:36

मेरे
बारे में वो औरों से
तहिकिकात करती है ।
पर
गनीमत की
ज़माने से अपना ज्यादा
तालुक नहीं रहा ।।

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29 MAR 2022 AT 0:27

हमसे
बिछड़ कर
गर, तुझे करार
आ जाएं तो कहना ।
उसी पल हम ईश्क
से
तौबा कर लेंगे ।।

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