Tulsi bhrose raam ke , nirbhye ho k soye, anhoni honi nahi honi ho so hoye
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"हार गया मन पुकार कर तुम्हें ,
कितने "एकाकी" हैं हम पाने को तुम्हें........... read more
हजारों लाखों की भीड़ ने मुझे बधाईयाँ दी
मैं मगर उस इक शक्स की इम्तेहा मैं खोई रहीं ......
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आ कर करू क्या में मेरी जान यहा
सब मुझे उधारी नजरों से देखते हैं.......-
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आओ तो कुछ शिकायतें भी ले आना साथ
कब तक ये मुस्कुरा के मिलना चलता रहेगा
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मिल कर जितना हम तुम्हारे ना हुए
उतना दूर रहकर सोच सोच के तुम्हारे हो गए हैं-
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यही तो खास बात हैं ,
इनआँखों के दरिया की
किनारे टूट कर भी भह नहीं सकते ....-
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नयी क़िताब हू समझना आसां नहीं हैं,मुझे
आप तो अभी हमारे घाव के पन्नों की महक मैं गाफिल रहेंगे कुछ दिन........-
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तुम एक शायरी होते तो ,
केसे लिखती मैं
तेरे बालों की स्याही बनाती,
फिर लिखती मैं
तेरी नशीली आँखों को छूती,
फिर नशा लिखती मैं
तेरे लबों को तलाशती,
फिर गुलाब लिखती मैं
तुम एक शायरी होते तो,
केसे लिखती मैं
देखो एसे लिखती मैं.....-
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तुम्हें लिखने को अगर समंदर भी स्याही बन जाए,
तेरी तसवीर जो अश्कों की थी
वो फिर भी अधूरी रह जाए......
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