अतीत कि कुछ यादो का पन्ना ऐसा है जिसे हम कभी देखना नही चाहते पर हवा का ऐसा झोका आता है जो हमे वही ला कर खड़ा कर देता है
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अतीत कि कुछ यादो का पन्ना ऐसा है जिसे हम कभी देखना नही चाहते पर हवा का ऐसा झोका आता है जो हमे वही ला कर खङा कर देता है
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फ़िल्टर के इस जमाने में
वो बिंदी लगाये बैठा है..2
वो मासूम सी चेहरे वाली
मेरा दिल चुराए बैठी है .❤🙈-
अनेकता में एकता
खुद पर अटुट विश्वास ..
तुम्हारी कृतियों से मुग्ध है
यें पुरा जगत संसार ..
" कल्पना की अविश्वसनीय उड़ान ,
" कलाम " के अविस्कार ... ,
" नीरज " के स्वर्ण साक्षात्कार ... ,
जयजयकार करता पुरा जगत संसार ... !-
फ़िल्टर के इस जमाने में
वो बिंदी लगाये बैठा है ..2
वो मासूम सी चेहरे वाली
मेरा दिल चुराए बैठी है.🥰-
ना जाने कब मै दूर हो गया हम उस ममता के आँचल से
जिसमें हर ग़म दर्द का मरहम हमको मिल जाता था ।
माँ मैं करके गलती बिना कहें छिप जाता था तेरे आँचल में
ओर बड़े प्यार से तुम समझती थी फिर भी ना मानू तो कान के नीचे दो लगाती थी ।
कहने को तो दूर हूँ मगर साया तेरा हर पल मेरे साथ है । अलफ़ाज़ नहीं कोई ब्यान करने के लिए के मेरे पास सिर्फ जज़्बात हैं ।।-
आओ सुनाए वीर शहीदों के प्यार की एक गाथा ।
भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव जिनका नाम है आता ।
इक्कीस-बाईस की उमर मे वो मतवाले सीना तान चले ।
आजादी के वो तीन दीवाने केशरिया कफन थाम चले।
सबको तेरा ये दोस्ताना अंदाज दिल में घर कर जाता था ।
और बड़े प्यार से तुम सबको आजादी का पाठ पढ़ाता था ।
इतिहास बदलने वाले सुन ले जितना इतिहास खंगाला जाएगा ।
गाँधी,नेहरु,जिन्ना को नही अब भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव को ही पूजा जाएगा ।
काबिल नहीं हुआ भगत के तेरे बारे में कूछ लिख पाऊ ।
पर लिखना चाहता था कूछ ताकी तेरी मोहब्बत को समझ पाऊ ।
आओ सुनाए वीर शहीदों के प्यार की एक गाथा ।
भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव जिनका नाम है आता ।
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विद्वानों की ये जन्मभूमि,
विक्रमशिला नालंदा जिसकी पहचान है।
कण कण जिसके चाणक्य की नीति,
जयप्रकाश जिनकी पहचान हैं।
हँ हम बिहारी, और बिहारी हमारा पहचान है।
मां जानकी की ये पवित्र भूमि,
गंगा जिसका नित दिन करती श्रृंगार है।
मिथिलंचल की ये पवित्र नगरी
महादेव,भगवन राम भी जिसे करते प्रणाम है।
हँ हम बिहारी, और बिहार हमारा पहचान है।
रामधारी सिंह दिनकर की रचना,
या फिर महाकवि विधापति कविता,
ना भुला है ना भूलेगा ये संसार
वाल्मिकी ने लिखी रामायण,
जिसमें रामचर का सार है।
जन्मों के गुरुगोबिंद को ये माटी,
जहां मांझी का भी बखान है।
हँ हम बिहारी, और बिहार हमारा पहचान है।
कितना करू बखान इस बिहार की
जिसके वीर सपूतों में सुश्रुत ,सम्राट अशोक
वाल्मिकी ,आर्यभट, विधापति, जय प्रकाश
,गुरु गोविंद सिंह, चाणक्य थे।
ये सभि बिहार की शान है।
हँ हम बिहारी, और बिहार हमारा पहचान है।-
हँ याद उसकी आज भी आती है दिल आज भी जोड़ जोड़ से रोता है मगर ये सोच कर दिल को समझा लेता हुँ अगर कदर होती उसी मेरी इन आंशुओ का तो वो यू हमको रूलाने की गुस्ताखी करती ही नही 💔💔
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मोहब्बत अगर strength बन कर
दुनियाँ से लड़ झगर सकती है
तो weakness बन कर हमारी बसी
बसाई दुनिया को बर्बाद भी कर सकती है
💪💪💪
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