आज माँ की हर वो बात सच लगती है, जो कभी लगता था माँ सिर्फ डराने को बोलती है
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कुछ अपने तो कुछ पराये अल्फ़ाज़ लिखती हूँ
मैं प्यार से ज्यादा दुःख दर्द... read more
मैं भले ही खुद का साथ छोड़ दूँ.... लेकिन वो मेरा साथ कभी नही छोड़ती....
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भारी सा ये मन
क्यों है इतनी ये हलचल
क्यों नही तू शांत होता
क्यों तू सब पाक चाहता
नही है अब ये वो समय
जहाँ रिश्तों को जिया जाय
जहाँ इनको महसूस किया जाय
रिश्ते का अब बाजार बन चुका है
हर चाहने वाला रिश्तो का सौदागर बन चुका है
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मन के अंधेरे को हटाए , चलो एक दीया सकारात्मकता का जलाए.....
शुभ दीवाली🌸-
सब रिश्तों से अनोखा होता है ये रिश्ता
प्यार, लाड़, दोस्ती और अनेक एहसासो से बना होता है,ये रिश्ता
सब रिश्तों का एक संगम सा है ये रिश्ता
जहाँ माँ से दोस्ती, माँ से ही प्यार ,माँ से टकरार और माँ का ही दुलार
ये ही होता है माँ बेटी का सबसे अनोखा प्यार
ये रिश्ता मानो जैसे धूप का छाव से
जमीं का पॉव से , आंखों का आंसू से
जीवन का साँसो से....
एक माँ, बेटी बनकर आती है और माँ बनकर फिर बेटी को बो बनाती है,इसलिए एक दूजे के बिन अधूरा है ये रिश्ता
इसलिए सब रिश्तों मे सबसे खास है ये रिश्ता...
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भले ही जीत जाता है, वो मेर से हर लड़ाई
लेकिन कभी हारने नही देता वो मुझे जिंदगी की लड़ाई — % &-
लोगों के कितने चालाकियों के चेहरे हैं
वो तेरे मुँह पर तेरे मेरे मुँह मे मेरे हैं-