वक़्त बदला, वो बदला, मैं बदली काश बदल जाती ये तारीखें...... तो अतीत के बिखरे पलों को याद ना दिलाती ये तारीखें, और आज 10 बरस बाद भी हमें ना सताती ये तारीखें, काश बदल जाती ये तारीखें......
ऐ वक्त,,,जब वो ही छोड़ कर चला गया मुझे फिर तू क्यों उन बीते लम्हों की यादें बनकर मुझे तोड़ने के लिए सामने खड़ा है जा लौट जा और कह दे उनसे इस बार शब्द भी मेरे होंगे और कहानी भी मेरे द्वारा लिखी जायेगी जिसमे इस दिन का भी ज़िक्र होगा और उनका भी... पर एक नए और अनोखे अंदाज में...