#122
है चिंता जरूर
लेकिन सबको नज़र अंदाज करूंगा
हो नही जाता कामयाब जब तक
किसी के हक की अब ना बात करूंगा
होता रहे ज़माना शोषित
मैं भी अब अपनी राह चलूंगा
देख लिया
काबिलियत, हुनर, ज्ञान ,विचार नहीं
यहां पद, प्रतिष्ठा की कीमत है
धन-दौलत का है अगर भंडार पास तुम्हारे
तब तो ज़माने में ख्याति, शौहरत सब तुम्हारी
और मंजिल को भी खुद तुम्हारी जरूरत होगी..
-Akrosh "Sweekar"✍️-
डाकू को डाकू कहने की हिम्मत रखने वाला हूं -Swee... read more
#121
पाखंड, अंधविश्वास
फैलाने में कल भी स्त्रियों का सहारा लिया जाता था
और आज भी...
इसका प्रमाण
शायद देने की आवश्यकता नहीं है
और यही एक महत्वपूर्ण कारण भी है
सदियों-सदियों तक ज़माना स्त्री शिक्षा का विरोधी रहा है
ताकि अपना उन स्वार्थी पाखंड, अंधविश्वास फैलाने वालों का
व्यावसाय चलता रहे...
यकीन ना हो देखना आज भी धर्म के ठेकेदारों के आश्रमों में...-
#120
पापा, भईया
क्या मैं इस दुनिया में पाप हूँ ?
या मुझे आने वाला हर माह का मासिक धर्म अपवित्र
क्यों मुझे मेरी पीड़ा में अकेले छोड़ दिया जाता है
क्यों जब ईश्वर ने ही सबकुछ बनाया है
सब ईश्वर की देन है तो क्यों मुझे नीच समझ
मन्दिर, रसोई और शुभ कार्य में रोका जाता है,
पापा, भाई
स्कूल की किताबों से लेकर लोगों की जुबान तक से
यहां तो खुद एक स्त्री के मुँह से
लड़कियों के लिए घृणा,फ़र्क देखा और अभद्र लांछन लगते सुना है
आये दिन बलात्कार की घटनायें
लडकियों का शोषण, हत्या ना जाने और क्या-क्या देखती सुनती हूं
और अंत परिणाम हम ही क्यों गलत बना दिए जाते है
सिर्फ़ सवाल क्यों होती है बेटियाँ
क्यों कभी कोई जवाब, विश्वास नहीं बन पाती
सबको समाज दिखता है
वही समाज...जो नवरात्रि में देवी माता को पूजता है
बाकी हर दिन दुर्व्यवहार करता है
वही समाज जिसकी ज्यादातर नीतियां दोगलेपन में बनी है,
भईया
शायद यह सब कभी नहीं बदलेगा, कभी नहीं..
-Adv P.V.Patel ✍️-
#119
भ्रूण में मार दी गयी
जाति शायद स्त्री थी,
जलती चिताओं में जिंदा जलायी गयी
जाति शायद स्त्री थी,
आये-दिन बलात्कार फिर हत्या
जाति शायद स्त्री थी,
और क्या ही लिखे अब
सब अस्तित्व से मिटा दिए जाते है
बस प्रजा हो तुम
सामाजिक बनो
राजनीति में कुर्सी खातिर
तुम्हीं बलि पर चढ़ा दिए जाते हो
जाति की कहानी यहां ऐसे ही चली है
जिसमें नुकसान सबसे ज्यादा दलित को हुआ है
कुछ रिकॉर्ड है शायद काम आयेगा समझने में...
कभी बैठ फुर्सत में खोदना इतिहास को
देखना जाति और धर्म ने कितने को दफनाया है
-Adv P.V.Patel ✍️
-
#118
हम, भारत के लोग,
भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न,
समाजवादी , पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य
बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास,
धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता,
प्राप्त कराने के लिए,
तथा उन सब में,
व्यक्ति की गरिमा और
राष्ट्र की एकता और अखण्डता
सुनिश्चित कराने वाली, बन्धुता बढ़ाने के लिए,
दृढ़ संकल्पित होकर
अपनी संविधान सभा में आज
तारीख 26 नवम्बर 1949 ई॰ (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी,
संवत दो हजार छह विक्रमी) को
एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत,
अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
-
#117
लेख नहीं लिख रहा आज कोई
सभी की राय लेने आया हूं....
"छोड़ दूँ सच लिखना
या कलम की दिशा अपनी मोड़ दूँ"
किसी राजनीतिक दल का मैं तो नहीं
जनता होने के नाते क्या बोलना छोड़ दूँ ?
मैं सत्ताधारी का समर्थक नहीं
तो क्या देशद्रोही में गिना जाऊँगा?
हाँ बागी है सुर मेरे
क्या बिना मतलब मार दिया जाऊँगा?
मैं कुदरत,मानवता को सर्वोपरि मानता हूं
तो क्या धर्म-विरोधी बता दिया जाऊँगा ?
मैं गरीब, भूख, रोटी, पानी,छत
और हक लिखता हूँ
इसलिए अधर्मी, अहंकारी,गंदगी बता
समाज से निष्कासित कर दिया जाऊँगा?
राय आपकी, आज
साहित्य को
फिर क्या दरबारों का गुलाम किया जाये?
कलम कर कलम की गर्दन को फिर
जिस्म के लहू को पानी,और खुद को कायर लिखा जाये
-Adv P.V.Patel"Nir"✍️-
#116
नादानियां बेच कर समझदारी खरीदी है
सुकून का बचपन खोकर परेशानी की
जवानी खोजी है
-Adv P.V.Patel "Nir"✍️-
#115
खुद को
हर सवालों का मैंने जवाब बना लिया
क्योकि जो भी मिले जहाँ में
किसी ने हाल नहीं बस सवाल पूछा है
-Adv P.V.Patel "Nir"✍️-
#114
सरकार का काम है
सहानुभूतियां एकत्रित करना
आप देखना
कोई भी सरकार हो वो सिर्फ इतना काम करेगी
जितने से जनता की भावना संबंधित है
अर्थात् सरकारें भावना प्रधान है
इसी को आधार बना
जनता को भावनाओं के सागर में डूबा
सरकार के प्रति अंधविश्वास पैदा किया जा सकता है-
#113
आतंकी कौन?
कौन बनता है आतंकी?
और क्यों यह ईश्वर के ही बनाये
लोगों का ही शिकार करते है?
जीवन और मृत्यु दो ही सत्य है
और मानवता / इंसानियत ही सच्चा धर्म है
मैं किस पर सवाल उठाऊं
और कौन सा सवाल?
क्या सवाल करने या सोशल नेटवर्क पर
कुछ लिख पोस्ट करने से इस ज़ख्म को भरा
या दर्द को खत्म किया जा सकता है ?
मेरे से बहुत बड़े ज्ञानी लोगों का वीडियो
शायरी, और बहुत कुछ trend कर रहा है
आखिर दौर इसी का है.
सत्ता, शासक ,शक्ति,सब जब अपना है
तो शुरू करो एक युद्ध
और किया जाए धर्म स्थापना
और मिटा दिया जाए हर तरह के पाप को...
याद रखना पाप को..
एक बार फिर तुम कामयाब हुए अपनी मंशा में
बधाई...............महोदय 🙏-