आंखे आपकी
जिसमें डूबना मेरा
स्पर्श आपका
मन का बहकना मेरा
अधर आपके
उस पर अधर मेरा
जुल्फ़ें आपकी
उसमें उलझना मेरा
जीवन आपका
उसमें श्रृंगार मेरा
और सुनो लाड़ली!
दिल यह मेरा
जिसमें निवास सिर्फ़ तुम्हारा
प्रेम यह मेरा
जिसपर अधिकार सिर्फ तुम्हारा
धड़कन मेरी बढ़ चुकी
आ तुझको सीने से लगाऊं
मेरा प्यार सिर्फ़ तेरे लिए
आ खुद को भी मै तुझपर लुटाऊं...
-Adv Pawan Neer ✍️
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