हमारे कमरे में उदासी है क़यामत की मगरएक तस्वीर पुरानी सी हंस कर बात करती है..हर सुबह चाय पर हम भूल भी जाए मगर वो हमसे एक प्यारी सी मुलाकात करती हैं -
हमारे कमरे में उदासी है क़यामत की मगरएक तस्वीर पुरानी सी हंस कर बात करती है..हर सुबह चाय पर हम भूल भी जाए मगर वो हमसे एक प्यारी सी मुलाकात करती हैं
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थोड़ी सी दीवानगी थोड़ी सी बंदगी .. -
थोड़ी सी दीवानगी थोड़ी सी बंदगी ..
कमरा........ -
कमरा........
मेरे किरदार पर भी गिरती है स्याही ....जब जब मैं तुम्हें अपना इश्क लिखती हूं.... -
मेरे किरदार पर भी गिरती है स्याही ....जब जब मैं तुम्हें अपना इश्क लिखती हूं....
चाबियां उन दरवाजे की भी रखती हूं जो कभी खुलते नहीं मेरे लिए -
चाबियां उन दरवाजे की भी रखती हूं जो कभी खुलते नहीं मेरे लिए
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मेरे एहसास.... -
मेरे एहसास....
उसकी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत... हम जहां में जिसकी तस्वीर लिए फिरते हैं...तुम फिर से आ जाओ मेरी बाहों में बस, रात भर इतना सा ख्वाब लिए फिरते हैं .... -
उसकी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत... हम जहां में जिसकी तस्वीर लिए फिरते हैं...तुम फिर से आ जाओ मेरी बाहों में बस, रात भर इतना सा ख्वाब लिए फिरते हैं ....
जब उसका मेरी हवेली में भ्रमण होता हैमेरे द्वार पर लगा हमेशा दर्पण होता हैकैसे तुम अब खुद को छुपाओगे हमसे जानी तेरा इधर आना ही समर्पण होता हैकुछ तुम कहो कुछ हम कहते हैं क्याखामोशी से चले जाना भी अर्पण होता है -
जब उसका मेरी हवेली में भ्रमण होता हैमेरे द्वार पर लगा हमेशा दर्पण होता हैकैसे तुम अब खुद को छुपाओगे हमसे जानी तेरा इधर आना ही समर्पण होता हैकुछ तुम कहो कुछ हम कहते हैं क्याखामोशी से चले जाना भी अर्पण होता है
तू दिल पे बोझ ले के मुलाक़ात को ना आना मिलना है इस तरह तो बिछड़ना क़ुबूल है -
तू दिल पे बोझ ले के मुलाक़ात को ना आना मिलना है इस तरह तो बिछड़ना क़ुबूल है