फर्क नही पड़ता मुझे कौन क्या मानता है
मैं खुद के नज़रो में ठीक हूँ खुद से बेहतर मुझे कौन
पहचानता है...।-
फिर ये मोहब्बत क्यू बेइंतहा होती है !!"
Life की उथल- पुथल वही खतम हो गयी
जब जाने वाले उस अजीज को हमने भी
नही रोका बस जाने दिया ..................।-
अक्सर तन्हाई में ,
ग़मो की महफ़िल सजी
लबों की खामोशी को
दिलों की आहट
ने आहत किया ।।🤫-
यादे बनकर जो तुम साथ रहते हो
तुम्हारे इस अहसान का दिल से शुक्रिया ।❤️-
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।
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न जाने क्या कशिश है,
उनकी मदहोश आँखों में,
नज़र अंदाज़ जितना करो,
नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…....!!!
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एक लफ्ज मुहब्बत का,
इतना सा फसाना है,
सिमटे तो दिले आशिक,
बिखरे तो जमाना है ।-
तुझसे कोई शिकायत नहीं है अब
ऐ जिदंगी जो भी दिया है, वही बहुत है।
पता जो चला , कितनो के नसीब मे इतना भी नहीं।-
फिर से पाके तेरी दोस्ती खुश हुं मैं,
देख तेरे चेहरे पे मुस्कुराहट खुश हूं मैं
माना दोस्ती से बढ़कर दोनो मे कुछ नही
मगर तुम जैसा दोस्त पाकर खुश हूं मैं ।💫❤️-