वो तो खुद गया ही मिरी ज़िन्दगी से
अपनी यादों को दे गया चराग -ए- सहरी तक
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दिल के अल्फ़ाज़ लिखती हूं
हर एहसास लिखती हूं
मु... read more
सपनों की दुनिया में अपने रहते हैं
कुछ कहते नहीं,बस संग रहते हैं
कभी मुलाकात,तो कभी बात करते हैं
बस एहसास में रहकर, जज्बात कहते हैं-
कल एक आवाज से मुलाक़ात हुई,
जादूई सी थी , कुछ जादू सा कर गई
उस आवाज में कुछ तो खास था,
धीरे से कानों से उतरकर दिल में चली गई
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सब जानते है मुझे, मेरे नाम से
लेकिन ज़िन्दगी में, मेरी कोई पहचान ही नहीं
मगन है सब, अपनी दुनिया में
कभी किसी को मेरा ख़्याल ही नहीं
जरुर समझती हूँ, खुद को
लेकिन कहीं, मेरा वजूद ही नहीं
सब की ज़िन्दगी से ,लापता हूँ
पर मेरे लिए , कोई परेशान ही नहीं
कभी कोई, बिना मतलब के ढूँढे़
ज़िन्दगी में शायद, ऐसा कोई इंसान नहीं-
बस शुरुआत जरूरी है,
कोई मतलब नहीं आप कहां,
किस उम्र में है
बस शुरुआत जरूरी है
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गुज़र रही है ज़िन्दगी भी
धीरे धीरे से
ज़िक्र चल रहा है,उनका भी
हौले-हौले से
भीड़ बढ़ रही है,सवालों के भी
धीमें धीमें से
अजनबी हो रही हूं, खुद से भी
आहिस्ता आहिस्ता से-