एक बार फिर मौत के करीब जाऊं क्या,
क्या पता इस बार तबाह ही कर दे,
लौट आया तो जिंदगी जैसी थी वैसी रहेगी,
न लौटा तो रूह को तो आजादी मिल जाएगी ,
न कोई रोना , न कोई दर्द,
एक पल की जिंदगी ,
खत्म कर लु क्या,
ये जो पहाड़ जैसा दर्द न जीने देता,
बस अंदर ही अंदर घुट रहा हु मैं,
इंतजार , इंतजार कब तक
बेचैनी , धड़कने बढ़ा रही,
लगता मौत का मंजर सामने है,
लेकिन मौत भी खफा है मुझसे,
न जीने का उम्मीद देती ,
न मरने का राह दिखाती ,
वक्त का ये कैसा खेल है ....-
तो कुछ बातें वापिस से दिल को खुश करती है,
ये माहौल बिल्क... read more
इज़हार - ए - इश्क तुमसे करू भी तो कैसे करू,
आज भी मन भर जाता है ,
तुम्हारे बातें न करने से,
न जाने क्या क्या सोचने लगता ये दिल
कितना भी खुश हो लु दिखावे के लिए,
आज भी ये मन रोता है ,
खामोशी सी है लबों पे ,
तुम्हारी छोटी सी छोटी बातों का ध्यान रखना,
बस तुम्हे खुश रखने की कोशिश है,
खुद बेचैन होकर तुम्हे चैन से रखना
ये प्यार है मेरा-
प्यार को आदत बन जाना चाहिए
लेकिन आदत बन जाने के बाद उसमें
प्यार कम नही होना चाहिए ।।-
अक्सर मनुष्य को बुद्धि का उपयोग करना चाहिए जब सामने वाले पर पूर्ण भरोसा न हो,
और दिल का उपयोग वहाँ करे जहा आपको पूर्ण भरोसा हो ।
✍️✍️ तभी आपको दिल से लिये फैसले से खुशी का अनुभव होगा और बुद्धि से लिये फैसले पर थोड़ी पीड़ा अवश्य होगी अपितु कुछ वक्त उपरांत उसका भी सुख अवश्य मिलेगा ।✍️✍️-
मोहब्बत तो सिर्फ कहने को बदनाम है,
वरना मोहब्बत के आगे तो सभी झुक जाते ,
कितना भी बड़ा खिलाड़ी क्यों न हो
उसे शह और मात मिल ही जाती है ।-
ये महोब्बत ही तो है जो दो अजनबी को करीब ले आता है ,
ओर कभी-कभी वही अजनबी आपके जिंदगी में आता है ,
और जब आप उसकी आंखों में अपने लिए प्यार देखते है,
और आप अपने आपको सारे दुनिया का सबसे खुश क़िस्मत इंसान समझते है ,
लाख कठनाइयों के बावजूद ये मोह्हबत आपको जोड़ो रहते है ।-
यू इस तरह मेरे मोहब्बत की तौहीन न कर
ये मेरा दिल बड़ा नाजुक है,
तेरे जाने के डर से ही
धड़कने थम सी गई है,
साँसे रुक सी गई है ।-
तुम्हारी चुभती हुई बातो को तो मैं सह लूँगा ,
पर मैं ऐसा कोई कदम नही उठाऊंगा ,
जो हमे तकलीफ दे।-
ये इश्क़ भगवान की बनाई हुई एक बहोत ही अजीज अनुभूति है,
अगर मिल जाये तो क्या कहना ,
और अगर मिल कर बिछड़ जाए तो जीते जी मौत का अनुभव दे जाती है ,
✍️✍️ है प्यारी लेकिन विष से भरी। ✍️✍️-
कुछ बातें भुलाये नही भूलती
क्योंकि उन बातों का तालुकात
दिल से जुड़ा होता है
ना कि दिमाग से.....-