Believe in yourself
आसमाँ किसी के बाप का ना हुआँ,
परिंदें भी घोंसला ज़मीन पे बनाने लगे,
उड़ने से किसी ने रोका नहीं,
पर गिरने पे लोग तालियाँ बजा ने लगें,
बादलों को चूमने की चाहत रखने वाले,
अपने लिए पिंजरा भी ख़ुद बना ने लगे,
जो सूरज को पुजने से पहले शर्माते नहीं,
वो आईना देखने से पहले पर्दे लगाने लगे।
- D. Y. Surti