अपनी ज़ुल्फों को कहो की ज़रा हद में रहे,
बार-बार पलको पे पहरा देने से नज़रें बुरा मान जाती हैं, हमारी।-
औरतों के बदले हमने शब्दों से मुहब्बत की,
शायरी बनान... read more
Believe in yourself
आसमाँ किसी के बाप का ना हुआँ,
परिंदें भी घोंसला ज़मीन पे बनाने लगे,
उड़ने से किसी ने रोका नहीं,
पर गिरने पे लोग तालियाँ बजा ने लगें,
बादलों को चूमने की चाहत रखने वाले,
अपने लिए पिंजरा भी ख़ुद बना ने लगे,
जो सूरज को पुजने से पहले शर्माते नहीं,
वो आईना देखने से पहले पर्दे लगाने लगे।-
ऐसे जाया ना कर
यार, तू ऐसे जाया ना कर,
कागज़ की सिलवटों को अच्छा नहीं लगता,
जाने से पहले लौटने की तारिक बताया कर,
तेरे बिना कोईं लम्हा मुझे अपना हिसाब नहीं देता।
वक्त ने कहाँ...,
वो समय कभी गिन्ना नहीं अपनी उम्र में जिसमे तूँ नहीं,
मुझे ऐसे छोड़ा मत कर,
तेरे अलावा मेरा कोईं ख्याल नहीं रखता।-
Understanding > Love
मुझे लगा मोहब्बत बड़ी सच्ची है नदी की समंदर से,
वर्ना थोड़ी ना कोई शिखर छोड,
इतनी दूर मिलने चला आता है!
सच बात तो किनारे से लौटी लहरों ने कहीं,
की "समज़ बड़ी गहरी है सागर की इश्क़ में,
तभी तो जुदा हो कर एक पल में,
वापस चले जाने का दिल करता है।"-
बादलों की फ़रियाद है की काफी महिनों से मैं रात को ताकने नहीं आया, अब उनके उस चाँद को क्या देखूँ जो मेरे आकाश में रह कर किसी और के सूरज से चमकता हो।
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मोहब्बत की रंगदारी नहीं होती और बेवफ़ाई की कोई सफ़ाई नहीं होती,
वफ़ा का दूसरा नाम फ़र्ज़ है,
उसमे विकल्प की अय्यारी नहीं होती।-
उससे इतना भी मत बुलाया करो, कभि अपनें हाथ मैले भी कर आया करो, ऐसा ना हो जब फरियाद का मौका मिले तो देने वाला ही बहरा हो गया हो।
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बेवफाओं पे खर्च ना किया करो, उनकी औकात से मोटे कागज में हम अपना गुलाब खरीदते हैं।
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कहते है कि अच्छी चीज़ें,
अक्सर इंसानों को ठीक से याद नहीं रहती,
शायद इसी कारण,
बेवफ़ाई के वक्त उसे मेरी याद नहीं आई।-