Durgesh Nirbheek   (Durgesh Nirbheek)
164 Followers · 163 Following

Joined 24 December 2018


Joined 24 December 2018
19 APR 2023 AT 0:39

लाइव हत्या सीन ये,
चलता बारंबार।
घर घर बच्चे देखते,
तड़ तड़ तड़ बौछार।।
टी वी पर यह चल रही,
असली शिक्षा यार।
कोई नहीं नकेल है,
सब छुटुआ हैं यार।।

-


18 APR 2023 AT 23:12

महँगी शिक्षा का करें,
बोलो क्या उपचार।
ट्यूशन कोचिंग ने किया,
और अधिक लाचार।।
जनता के इस दर्द को,
कौन करेगा दूर।
जान जान अनजान हैं,
सभी हुये मगरूर।।

-


25 MAR 2023 AT 1:05

मैं हरि के अनुकूल हूँ,
हरि मेरे अनुकूल।
दाता जब अनुकूल हों,
कौन रहे प्रतिकूल।।

-


23 MAR 2023 AT 0:14

इनके बलिदानों की लाली
से ही लाल हमारा चेहरा है।
यह बात अलग है मेरे भाई,
सर और किसी के सेहरा है।।

-


19 MAR 2023 AT 20:57

एक कौर दो थाल से, परमारथ के काज।
तंदुल देकर कृष्ण को, रंक हुये महराज।।

अपने अर्जित मूल्य में, औरों का है भाग।
एक भाग अर्पित करें, भाग जायगें जाग।।

-


17 MAR 2023 AT 9:12

राजतंत्र व लोकतंत्र में फर्क इतना है कि -

राजतंत्र नियम बनाकर विशेष लोगों को विशेष सुविधा व अधिकार देकर बाकी जनसामान्य को उससे वंचित कर देता है।

लोकतंत्र सुविधा व अधिकार सबको दे तो देता है लेकिन आर्थिक जंजीरें जनसामान्य को उन सुविधाओं व अधिकार का उपभोग करने से वंचित कर देती हैं।

यह अधिकार व सुविधायें चाँद पर घर बसाने का लाइसेंस मात्र साबित होती हैं। जिसे केवल जेब में रखकर खुश रहा जा सकता है परन्तु उपयोग नहीं किया जा सकता है।

-


13 MAR 2023 AT 1:21

घटना - "गाँव के दबंगों ने झींगुर की कुल जमा दो बीघा जमीन कब्जा कर ली। "

राजतंत्र में झींगुर चुप था क्योंकि उसे पता था कि सिपाही और ओहदेदार दबंगों के कब्जे को जायज बताकर सौ कोड़े उसे ही लगवायेंगे।

लोकतंत्र में समानता के अधिकार के बाद भी झींगुर चुप है अदालत व वकील की फीस का पैसा नहीं है, बीस साल मुकदमा लड़े कि शाम के भोजन का संघर्ष।

तंत्र कोई भी हो न झींगुर की दशा बदलेगी न सत्ता का चरित्र।

-


12 MAR 2023 AT 22:49

बुरा
न देखोगे
न सुनोगे
न बोलोगे
तो इतिहास की छोड़ो
खुद को माफ
न कर पाओगे।
यही होता रहा
अब तक
अब न होगा।
बोलूंगा ही नहीं
चीखूँगा।
सुनूँगा ही नहीं
सुनाऊँगा भी।
देखूँगा ही नहीं
दिखाऊंगा भी।
वर्ना
लुट जायेगा काफिला
रह जायेगी राख।

-


12 MAR 2023 AT 20:42

Let this be your dream,
let the world become your family.
To get rid of the pain,
everyone should be ready.
Everyone should be ready,
be the support of the fallen.
Everyone's common thinking,
light up the world.
This earth is one,
this is our home.
Keep it well maintained,
this should be everyone's dream.

-


12 MAR 2023 AT 20:27

सपना अपना हो यही,
विश्व बने परिवार।
पीड़ा हरने के लिये,
सभी रहें तैयार।।
सभी रहें तैयार,
गिरे का बनें सहारा।
सबकी साझी सोच,
करे जग में उजियारा।।
यह धरती है एक,
यही तो घर है अपना।
इसको रखें संवार,
यही हो सबका सपना।।

-


Fetching Durgesh Nirbheek Quotes