Durgesh Dwivedi   (Durgesh Dwivedi)
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हृदयकर्णिका के लिए 🖤

◌⑅⃝ᵐᶦˢˢ(꜆˘͈ෆ˘͈꜀)ʸᵒᵘ⑅⃝◌
Joined 20 February 2020


हृदयकर्णिका के लिए 🖤

◌⑅⃝ᵐᶦˢˢ(꜆˘͈ෆ˘͈꜀)ʸᵒᵘ⑅⃝◌
Joined 20 February 2020
20 NOV 2024 AT 7:04

कैदी भी हूँ और रिहाई भी नहीं माँगता,
मरीज़ भी हूँ और दवाई भी नहीं माँगता ।
मैं नहीं माँगता लोगों से छीना हुआ सुकून,
मैं ठंड से सिकुड़ता रजाई भी नहीं माँगता ।।

मग़र ये मत समझना मुझे कुछ चाहिए नहीं,
मैं नहीं कहता मुझे रूठने पर मनाइये नहीं ।

मैं भी खूबसूरत दिन एक हसीं शाम चाहता हूँ,
मेरी जिंदगी तो सिर्फ तेरे ही नाम चाहता हूँ ।।
तेरी नमौजुदगी मेरे दिल की धड़कन न रोंक दे,
शायद इसीलिए अब रहना गुमनाम चाहता हूँ ।।


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13 SEP 2024 AT 21:20

मैंने जब से उसकी वो बात पकड़ी है,
लाश हो गया हूँ और लाश भी अकड़ी है..!
वो गुमराह करने आया या बातों में फँसाने,
या फिर वो सच में मेरे सिर्फ शक की मकड़ी है..!!

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13 SEP 2024 AT 8:26

अरे मोहब्बत के मारों, जलती चिताओं बस करो..
धोखे की ठोकर तुम्हें बर्बाद कर देगी मेरे पागलों..!
अरे कोई तो समझाओ, कोई सबको राज़ बताओ,
अब ये बेफिजूल की मोहब्बत करना तुम बस करो..!!
अरे वो तीसरा ही तो था जिसने तबाह किया तुम्हें..
नहीं नहीं अब तो तीसरे तुम हो अब तो बस करो..!
मन करेगा खुद को दफन करने का नादान परिंदों,
दफ़न हो जाओ पर मोहब्बत की गुलामी बस करो..!!



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16 JUL 2024 AT 8:28

मोहब्बत में हर रोज एक नया नाम देंगे हम,
जब मोहब्बत को आखिरी अंजाम देंगे हम..!

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15 JUL 2024 AT 6:51

तेरी हर बेबाक बातों से मुह मोड लूँगा इक रोज,
देखूँगा जी भर तुझे और नज़र फेर लूँगा इक रोज..!
इक रोज तेरी गलियों में आकर तेरा नाम बुलाऊँगा,
जब आएगी झरोखों पर मैं जान वार दूँगा इक रोज..!!

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29 JUN 2024 AT 17:22

दफन करके खुशियाँ, मैं दफन शरीर भी कर दूँगा,
तस्वीर दफ़न कर दी है, दफन तकदीर भी कर दूँगा..!

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30 MAY 2024 AT 9:59

Accident hua fir se😂🥲

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22 MAY 2024 AT 22:37

जैसे बिना पानी के मछली,
बिना सितारों के आसमान,
बिना खुशबु के सुंदर गुलाब,
लगता है जैसे दिल उछलेगा,
अब आँखों से आँसू छलकेगा,
जैसे रह गए हों अधूरे अरमान,
और खो दिया हो स्वाभिमान,
खोने का दर्द बस आशिक जाने,
या फिर कोई मरता हुआ इंसान!

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20 MAY 2024 AT 12:00

वो हवा में घुली उसकी खुशबु पहचान लेता हूँ,
वो मेरी जान लेती है और मैं उस पर जान देता हूँ..!

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20 MAY 2024 AT 11:47

मैने सारे पन्ने खुले छोड़े थे एक किताब के,
जो जला दिए गए एक श्याही के बगावत पर..!

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