झूठी तस्ली खुद को ना दे दोस्त वो बढ़ चुका तुझ से आगे अब तू भी उससे आगे बढ़।।
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तुम्हारी दी नसीहतों की खुराक लिए बैठा हूँ
आज भी कलेजे में, मैं एक सुराख लिए बैठा हूँ-
सपनो की दुनिया में हम खोते गये,
होश में थे फिर भी मदहोश होते गये,
जाने क्या जादू था उस अजनबी चेहेरे में,
खुद को बहुत रोका फिर भी उसके होते गये..-
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम…!!-
कभी वक़्त की गहराइयों मे डूब कर तो देखो ।।
समुन्दर की गहराई को भूल जाओगे तुम।।
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वक़्त के सात तुम भी कुछ सीखा गयी ।।
पता नही आज फिर तुम्हारी याद क्यो आगयी ।।-
में चाहता तो नही हु दूर होना।।
में ये भी नही चाहता प्यार में मजबूर होना
तू चाहे तो रह सकते है साथ
ये जरूरी नही की हर बातो का साफ़ होना।।-
मौसम के मिजाज भी कितने जल्दी बदल जाते है।
कल तुम बदली थी और आज ये बदल गया।।-
शायर नही फिर भी शायरी लिख लेता हु।।
याद नही आती हो तुम फिर भी याद कर लेता हूं।।-