Deepshikha V S   (~© The Perpetual Inkpot)
801 Followers · 88 Following

Advocate• Motivational Writer
Joined 20 February 2017


Advocate• Motivational Writer
Joined 20 February 2017
YESTERDAY AT 12:07

मालूम हैं मुझे
तुम यों बर्बाद करोगे ।
दिल धड़कना बंद होगा
तब याद करोगे ।

आज पागल शायर लगता हूं !
कल कसीदा पढ़ोगे,
' इरशाद ' करोगे !

-


24 APR AT 12:34

ध्येय और विनम्रता

(पूरा पढ़ें अनुशीर्षक में )

-


23 APR AT 14:56

कुछ जगह होती हैं
जहां जी करता है,
रह जाएं ।

ऊंचे पहाड़,
बर्फानी हवाएं,
कलकल बहती नदियां,
पानी के फव्वारे,
खिलते गुलाब,
आंगन की बारिश,
मां का घर ।

-


16 APR AT 12:20

कर्तव्य पथ
दिखता रहा जिन्हें,
वो चलते रहे।
टूटी खड़ाऊ में,
दृढ़ कदमों से।
छिले घुटनों में,
स्थिर चाल से।
तपते सूरज में,
सौम्य भाव से।

था मर्यादा का
भान जिन्हें,
अभिमान छू न सका उन्हें।
निर्विकल्प,
हर अभाव में,
स्वभाव के विरुद्ध
किए सुव्यवहार से ।
अनुचित मिले हर शाप में,
अपने सुविचार से ।
अधर्म के अंधकार में,
कर्म के प्रकाश से ।

-


10 APR AT 11:12

तेरे इश्क में क्या खोया गिना दूं
पर क्या फायदा?
दिल रोया बहुत बता दूं
पर क्या फायदा?

बदला नहीं वक्त
न सुधरा मैं आशिक़ तेरा ।
अनसुना तेरा तुझे फिर सुना दूं,
पर क्या फायदा ?

पंख कटने से परिंदे उड़ना
नहीं भूला करते ।
इस कैद ए मोहब्बत से
फिर उड़ कर दिखा दूं
पर क्या फायदा ?

-


4 APR AT 12:21

कंधों पर फर्ज़ उठाए
निकलता हूं घर से घर बनाने को ।

-


1 APR AT 22:43

अकेलापन किसी से नहीं डरता,
न रिश्तों से,
न हंसी के ठहाकों से ।

किसी भीड़ से नहीं छंटता,
न किसी मेले से,
न दोस्तों के साथ से ।

अकेलापन, दाग है ,
जो समय के साथ जाता नहीं
बल्कि और पक्का हो जाता है,
न ही धुलता है
बगीचे में लगे फव्वारों से ।

अकेलापान फफूंद है
जिसे पोंछे जा चुके आंसुओं
के पीछे छूटी नमी
कभी मरने नहीं देती ।

-


11 MAR AT 20:27

किसे और क्या बयान करूं तुम्हें?

कुछ तुम्हें दर्द कहेंगे कुछ कहेंगे मर्ज़ मेरा ।
अपनी खामोशी से ढके रखता हूं तुम्हें।

कुछ कहेंगे तुम्हें प्यार की पट्टी बंधी आंखों पर मेरे ।
कुछ कहेंगे मुझे कुछ कहेंगे बेवफ़ा तुम्हें।

खामोश हूं कि तुम सनम भी थीं और सितम भी ।
कुछ मजबूर कहेंगे कुछ कहेंगे दगाबाज़ तुम्हें ।

-


9 MAR AT 10:59

Paid Content

-


22 FEB AT 15:41

कुछ प्रेम कहानियां तस्वीरों ,
तोहफों, उत्सवों में नहीं दिखेंगी ।
कुछ प्रेम कहानियां
शर्मीली और अंतर्मुखी हैं ।

(पूरा पढ़ें अनुशीर्षक में)

-


Fetching Deepshikha V S Quotes