Drx.dipendra singh rathore   (हिन्दी डाकघर)
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हिन्दी साहित्य को समर्पित
जीवन में सारथी बनने का अवसर मिले तो कृष्ण बने, शल्य नहीं ।
Joined 10 April 2018


हिन्दी साहित्य को समर्पित
जीवन में सारथी बनने का अवसर मिले तो कृष्ण बने, शल्य नहीं ।
Joined 10 April 2018
24 APR 2021 AT 16:30

अपने सपनों का पीछा
बंद मत करो,
क्योंकि सपने सच होते हैं

सचिन तेंदुलकर

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21 APR 2021 AT 9:21

रावण सा ज्ञान व्यर्थ हैं,
यदि राम सी विनम्रता ना हों ।

दीपेन्द्र सिंह राठौर

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14 APR 2021 AT 10:42

दोस्त आपके लिए खाना बनाते हैं
लेकिन
सबसे अच्छे दोस्त आपका बनाया हुआ खाना खाते हैं
दीपेन्द्र सिंह राठौर

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5 APR 2021 AT 0:08

नग्न स्त्री समाज की संवेदनाओं
पर आक्रमण नहीं हैं
और
नग्न स्त्री स्त्रीवाद भी नहीं हैं

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23 MAR 2021 AT 18:52

प्रेमी

पागल

कवि

एक ही चीज से बने होते हैं

भगत सिंह

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23 MAR 2021 AT 18:46

यदि बहरों को सुनना हैं तो आवाज़ को बहुत ज़ोरदार होना होगा। जब हमने बम गिराया तो हमारा ध्येय किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेज़ी हुक़ूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजो को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आजाद करना चाहिए ।

भगत सिंह

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19 MAR 2021 AT 22:55

प्रासादों के कनकाभ शिखर,
होते कबूतरों के ही घर

महलों में गरुड़ ना होता हैं,
कंचन पर कभी ना सोता हैं

रहता वह कहीं पहाड़ों में,
शैलों की फटी दरारों में

रश्मिरथी

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19 MAR 2021 AT 22:43

धर्माधिराज का ज्येष्ठ बनू,
भारत में सबसे श्रेष्ठ बनू ?

कुल की पोशाक पहन कर के,
सिर उठा चलूं कुछ तन कर के ?

इस झूठ मूठ में रस क्या हैं ?
केशव ! यह सुयश - सुयश क्या हैं ?

रश्मिरथी

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19 MAR 2021 AT 21:16

सपनों की एक समयसीमा
तय हो तो वह लक्ष्य बन जाता हैं

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19 MAR 2021 AT 18:51

ना दोस्ती बड़ी
ना प्यार बड़ा
जो निभा दे
वो इंसान बड़ा
गुलज़ार

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