हज़ारों दिलों पर राज किया
जनाब,
मोहब्बत को तरस गए.-
तुम्हारे जाने के बाद अब अल्फाजों से दोस्ती कर ली और कलम को हमसफर बना दिया,
लिखना अब मजबूरी नही, आदत बन गयी है.......-
बेशक तुम सिर्फ ख्वाब ही हो मेरा,
पर इतना हसीन ख्वाब देखने में हर्ज क्या है,
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आज भी तुम्हारे दर पर तुम्हारा इन्तज़ार करते हैं,
जनाब,
तुम ये केसे कह सकते हो कि हमने तुमको चाहा नही. )-
प्यार करना है तो मुझसे भी कर,
दुश्मनी करने के लिए लोग हैं ना.
रहना है तो थोड़ा बच्चा भी बन कर रह,
समझदार बनाने के लिए लोग हैं ना.
भरोसा रखना है तो खुद पर रख,
शक करने के लिए लोग हैं ना.
तू बस संवार ले खुद को,
आईना दिखाने के लिए लोग हैं ना.
खुद की अलग पहचान बना,
भीड़ में चलने के लिए लोग हैं ना.
तू कुछ कर के दिखा दुनिया को,
तालियां बजाने के लिए लोग हैं ना.-
दिल को संभालते हुए,
दो कदम बड़ा तो दिए हमने,
काश, दो कदम तुम भी साथ चलते, तो
आज हमें यू शेरों- शायरी
करने का शौक न होता.
खैर खुदा, खैर करे.-
अपने प्यार के, दीदार को देखने के लिए
जनाब,
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उनमे से हम भी एक है.-
न जाना उनके शहर में,
जनाब,
सुनने में आया है कि उनके शहर के लोग रंग बदलने का हुनर, माशा अल्लाह उम्दा रखते हैं. )
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बहूत से सवाल है जो करना चाहता हू अक्सर,
बस नही जानता अपने आप से करू या अपनो से।।
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