आज के इस नए दौर में
वो पहली सी मोहब्बत ना रही,
बड़ी हैरत की बात है
लोगो मे अब ग़ैरत ना रही,
घर घर भी घूमा
सड़को की खाक भी छानी,
हक़ीक़त तो यह है
लोगो मे अब इंसानियत ना रही,
हफ्ता बदला साल बदला
बदल गया कैलेंडर,
दुखः तो बहुत हुआ जानकर
अब सूरत तो रही पर सीरत ना रही.....-
आज बहुत घुटन सी महसूस हो रही है,
ज़रूर उसे किसी ने गले लगाया होगा...-
सुना है उनके पढ़ाने में इतनी मिठास है,
बुखार भी हो तब भी बच्चे ट्यूशन आते है...-
कुछ तो कम कर दो
इन दवाओं के दाम साहब
के बेटे से पैसे माँगने मे
अब शर्म आती है।।-
न जाने क्या हो गया तेरे शहर में आकर,
के हर हिजाब में तू नज़र आती है...-
HUMSAFAR..
वो टीचर इंग्लिश की
मैं बायोलॉजी पढ़ने वाला,
वो पसंद करती चाय को
मैं चाय बनाने का दीवाना,
वो रहने वाली बुरखे में
मै हाफ टी-शर्ट पहनने वाला,
वो चाहती सादगी में रहना
मैं बन-ठन के चलने वाला,
चलेंगे जब हम दोनों साथ मे,
देख कर जलेगा जलने वाला,
उसे पसंद खुले आसमान में घूमना
मैं उसकी हिफाज़त करने वाला-
कुछ इस तरह खूबसूरत रिशते टूट जाया करते हैं,
जब दिल भर जाता है तो,
लोग अक्सर दूर जाया करते हैं।-
फिर से निकलो तलाश-ए-मोहब्बत में,
Faizan Sahab
हम दुआ करेंगे इस बार कोई बेवफा ना हो....-
तेरी अमीरी से बहुत बेहतर है गरीबी मेरी,
चंद रुपयों के लिए तूने क्या नहीं खोया है,
आज नही है मख़मल का बिछोना मेरे पास,
तू बता कितनी राते सुकून से सोया है...-
उम्र बढ़ जाने से मोहब्बत काम नही होती दोस्त,
झुर्रिया तो चेहरे पर आती है,
दिल हमेशा जवान रहता है....-