DrVed Prakash Dwivedi   (Dr Ved Prakash Dwivedi)
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Ayurved Physician | Panchkarma Expert | Writer | Painter | YouTuber - ayurTIP
Joined 11 July 2018


Ayurved Physician | Panchkarma Expert | Writer | Painter | YouTuber - ayurTIP
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19 FEB 2022 AT 16:31

किसी व्यक्ति की उंचाई नापने के तीन पैमाने हैं।
हृदय की मधुरता,
उदारता और
विनम्रता।

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18 FEB 2022 AT 15:03

अपने ज्ञान, पद, शरीर, धन, बल
की श्रेष्ठता सिद्ध वही करता है।
जो इन सभी में स्वयं को अंतर्मन
से निर्बल मान चुका होता है।
ऐसा व्यक्ति द्वेषी, क्रोधी, नकली
होता है।

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17 FEB 2022 AT 20:25

उसे चाहने वाले बहुत थे।
वो कितना ख़ुशनसीब था।।
मैने उसी से इश्क़ कर लिया।
मै कितना बदनसीब था।।

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15 FEB 2022 AT 11:06

जो विद्वेषी
विध्वंसों से
सदा के लिए
विखण्डित नहीं होते।
वट वृक्ष की भाँति
शान्त चित्त होकर
पूर्ण धरा पर
अमर हो जाते हैं।

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15 FEB 2022 AT 10:58

जिस तरह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में
मैमरी का स्टोरेज विद्युत तरंगों के रूप में होता है।
वह मेमोरी वहाँ है भी और नहीं भी।
उसको पुनः देखने, सुनने के लिए
योग्य डिवाइस चाहिए होता है।
वैसे ही जीवन की स्मृतियों का संचय
भी हमारी आत्मा में होता है।
स्मृतियाँ अच्छी रखो,
पता नहीं किस जन्म में
कौन सी याद आ जाए।

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10 FEB 2022 AT 13:27

It is better to be
a fool
than to be
prejudiced.

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10 FEB 2022 AT 12:31

परस्परविरोधे तु वयं पंचश्चते शतम्।
परैस्तु विग्रहे प्राप्ते वयं पंचाधिकं शतम् ।।
- महाभारत

At home when we fight
we are five versus hundred;
outside our home
when we fight our enemy,
we are 105.

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2 FEB 2022 AT 21:13

इस प्रकृति का,
इस प्रकृति के जीवों का,
स्व मानस प्रकृति का
स्व काय प्रकृति का,
निःशक्तजनों का,
रक्षण, पालन, उपचार ही
मानव धर्म है।
जो इस धर्म का धारण करता है।
वही सच्चा धार्मिक है।

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31 JAN 2022 AT 14:24

सफलता !
यह न तो स्थिर है, न ही अंतिम है।
यह नित नए बनाए गए लक्ष्य की प्राप्ति मात्र है।
यह न तो धन है, न ही कोई पद है।
यह मन की वह अवस्था है जो कि,
जीत जाने का अनुभव कराती है।

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30 JAN 2022 AT 23:38

इस ब्रह्मांड में कोई भी चीज स्थिर नहीं है।
न सूर्य, न चंद्र, न पृथ्वी और न ही कोई गैलेक्सी
और सबसे अस्थिर होता है "मन"

पर ये अकेली ऐसी है
जिसे स्थिर किया जा सकता है।
इसलिए जिसने इसे स्थिर करना सीख लिया,
वही सफल है।

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