आँकड़े नहीं कहते
ये बच्चे कह रहे हैं
सबसे ज्यादा मछलियाँ
घर के वॉटर टैंक में डूबी हैं।-
Facebook page: Poetry the light of life, by Dr.Usha Dashora
जो बेटे देर रात
घर लौटते हैं
वे कभी नहीं पढ़ पाते
चिंता की चिट्ठियां
जो पिता की आंखों में टहला करती हैं
पर पोस्ट नहीं होती-
तुम्हारे हिस्से में हर बार चाँद आए
ये जरूरी नहीं.....
जिंदगी ने अमावस की रात का
वादा भी किया था।
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कविता अनुशासनहीन विद्यार्थी है
उसे बंद किताबों की परतंत्रता स्वीकार नहीं
उसे दरवाजों के बाहर ढूँढ़ना
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गिरफ़्त में है ज़मीं वो मान बैठा था
फिर चार काँधों पे ये
कौन किरायदार जा रहा है।-
वो अक्सर....
मेरी कमीज की बाँह में हाथ फँसा लेती
और माथे के सलों से पूछती
तुम लिखोगे कभी मेरे लिए
खून से चिठ्ठियाँ
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कुछ बरगदों को घमंड है
कि ....जड़े मजबूत हैं उनकी
पर शायद वो.....
बद्दुआओं की धार नहीं जानते-
उम्र का कारवाँ बुलाता रहा
साल दर साल मुझे
पर चाँद की जिद में
एक बच्चा कहीं पीछे छूट गया-
प्रेम का कोई व्याकरण नहीं होता
बे-व्याकरण का प्रेम सबसे खूबसूरत होता है।-