जाने किस गलती पर ,
इतना ख़फा भगवान है!
उजाले छीन कर हमसे,
रोशन किये श्मशान है !!
--डॉ सीमा सिंह-
I m doctor by profession....... , writing is my passion......
इस साल का मौसम है नम,
चारों तरफ साँसें हैं कम !
इंसान हारा ज़िंदगी से,
मौत दिखलाती है दम!
इस साल का मौसम है नम!
--डॉ सीमा सिंह-
वो थप्पड़ बहुत याद आते हैं,
जो गुस्सा होने पर माँ मारती थी!
अब वो थप्पड़ नहीं मारती,
आखिर मारेगी भी कैसे..
अब तो सालों साल हमारी,
मुलाकात ही नहीं होती..!!
--डॉ सीमा सिंह-
अंतर्मन में जंग छिड़ गई , जीत-जीत कर हार गए!
जीवन और मरण के द्वंद्व में लम्हे मैंने उधार लिये!!
--डॉ सीमा सिंह
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जीवन के उस पार कहीं,मन भटक रहा अन्जान डगर!
दुनिया में दुनियादारी है,दिल ढूंढ रहा सुनसान सफ़र!!
--डॉ सीमा सिंह-
रास्ते मेरे कहाँ तक रोक पाओगे,
मैंने भी राहों से कुछ यारी निभाई है!!
--डॉ सीमा सिंह-
जो कत्ल है उसको आत्महत्या,
चीख-चीख कर बता रहे हैं!
डिप्रेशन की थ्योरी बनाकर,
वो कातिलों को बचा रहे हैं!!
-डॉ सीमा सिंह-
आज़ादी बहुत कीमती है, दिल से खुशी मनाइये!
दे दी जिन्होंने जान, ज़रा उन्हें भी सिर झुकाइये!!
-डॉ सीमा सिंह-
चंचल मन के ठहरे से भाव हो,
प्रेम पथिक के तुम स्वभाव हो!
नाग नथैया,गाय चरैया,बंसीधर!
तुम जीवन के अंतिम पड़ाव हो!!
--डॉ सीमा सिंह
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एक बराबर सबके राम,
मेरे भी राम तेरे भी राम!
बोलो राम राम राम राम,
रोम-रोम में राम ही राम!
-डॉ सीमा सिंह-