अच्छाई की खैरात पे पल जाते है कई
वहम अहम के
इसी ऐब से काबिल नहीं रहते कुछ लोग
खुदा के रहम के।-
मैं बेजुबाँ हूँ मगर कलम जांबाज है।
पेशे से दिल और दिमाग का डॉक्... read more
बेशुमार मांगा था
वक्त उसके साथ जीने को
तब चुरा के वक्त उसका
मैं करता रहा मेहनत बहा के पसीने को
अब बस बहुत हो गया
इतना भी नहीं मांगा था
के बच जाए वक्त उसके बाद जीने को।-
कहते हमें तो ले आते
आपके लिए नींद और कुछ ख्वाब
उसी ख्वाब में हम कर लेते
दो पल की आपसे मुलाक़ात-
सब मिल जाएगा एक दिन
जो चाहा हो जाएगा एक दिन
सब मिल जाएगा एक दिन
मिट्टी का मिट्टी में एक दिन
वक्त गुजर जाएगा एक दिन
जीने को मिलेगा एक दिन
हसरत हो जाएगी एक दिन
और मौत डराएगी हर दिन
बहुत लोग भी होंगे एक दिन
जब हम नहीं होंगे एक दिन।
एक दिन ये दिन भी बीत जाएगा एक दिन।-
और कितना छलावा करेगी तू
मेरे आंसुओं में डूब के मरेगी तू
तेरे कर्मों का फल मिलेगा ही
झूठ का खामियाजा भरेगी तू।-
सारे इम्तेहान लेकर हमारे
उसे हमें बस ठुकराना था
हम निभाते रहे आखिर तक
और उसने कोशिश की ही नहीं।
कसमें वादे सब झूठे निकले
हम खुद भी जरा टूटे निकले
सच है कुछ नहीं होता हमारा
और वो हमारी कभी थी ही नहीं।
हम रहे तो बस उसके नशे में रहे
हालांकि हमने कभी पी ही नहीं
हम भी बदल देते उसकी जगह
पर अब दिल में जगह थी ही नहीं।-
नजरें करती कैसी हमसे मज़ाक है
जिस से चुराते है उसी से मिल जाती है
नजरें हमारी होती कितनी बेबाक है
ये वजह है इश्क की बाकी तो इत्तिफ़ाक़ है-
नजर भर देखूं तो तू ही एक तस्वीर है
सोचूं तो तू ही खयाल बन जाता है
आंखे बंद करूं तो तू ही ख्वाब है
और बोलूं तो आवाज बन जाता है
तेरा हर किस्सा मेरा आज बन जाता है
ये बारिश की बूंदें भिगोती है जब भी
तेरे छूने का एहसास बन जाता है।
लफ्ज़ कोई आता है ज़हन में तेरे लिए
तू मेरी ग़ज़ल का अल्फ़ाज़ बन जाता है।-
उसकी आवाज में जादू तो है
भीतर के कोतूहल को शांत कर देती है
बादल बरस जाते है
मौसम को शीतल कर देती है।
वो हंस देती है तो
हवाएं इठलाती दौड़ पड़ती है।
कुछ देर वो गुनगुनाएं तो
पेड़ो पे पंछी नाचते है
कलियां फूलों को खोल देती है।
वो जब बोलती है
उसके होठों को देखता हूँ
जैसे क्षितिज पे सूरज डूबता है
और उसके शब्द उसकी आवाज
उठती गिरती लहरों सा सुकून देती है।-
एक तरफ रोशनी
एक तरफ अंधेरा
मिलकर परछाई बन गई
एक तरफ मैं
एक तरफ खालीपन
मिलकर तन्हाई बन गई।-