DrPunita Tripathi   (डॉपुनीता मिश्रा त्रिपाठी)
154 Followers · 12 Following

Government Teacher
Joined 4 August 2017


Government Teacher
Joined 4 August 2017
30 DEC 2024 AT 20:35

साल आते हैं साल जाते हैं
वर्षो का कारवाँ बदलता हैं|
कोई पाता हैं, कोई खोता हैं
सिलसिले यूँही चलते रहते हैं ।
पुराने पत्ते झड़ जाते हैं
नव कोंपल आ जाते हैं ।
शाखों की ये शोखियां अनवरत
अठखेलियाँ करती रहती हैं ।
इच्छाएँ दबती नहीं कभी
कामनाएं भरती नहीं ।
ये सुख-दुख, सम-विषम, अपने -पराये
यही तो हैं, हमारे जीवन के हमसाये।।
#अलविदा 2024😊💕

-


3 AUG 2024 AT 10:42

लोग आपका वर्तमान देखते हैं पर आप अपने भूतकाल में उलझें रहते हैं और भविष्य आपकी बाट देखता रह जाता है इसी चक्रव्यूह में उम्र गुजर जाती है।

-


23 JUL 2024 AT 15:08

आपका यथार्थ आपको ढककर रखता है, मगर झूठ , झूठ तो आपको बिलकुल ही नंगा कर देता है ।

-


12 JUL 2024 AT 18:30

ये बारिशों का आलम है या किसी के अयनों की झिलमिल
ये समन्दर की ख्वाहिश है ताल, नदी सभी आके अब मिल

-


21 MAR 2024 AT 14:06

कविता भिगोती रहती है
कठोर हो चले पत्थरों को।
वक्त की ठोकर से टूट गये
जिलाती रहती उन स्वप्नों को ।।

-


9 FEB 2024 AT 12:56

जो सरकता रहता है,वही संसार है ।
और जो झुकता है,वही इंसान है ।।

-


4 FEB 2024 AT 18:22

इस जग की रीत है निराली
ऐश करता वही जो है खाली ।।
ग‍रीबों की नसीब में फकत
मिलती मजूरी सूखी थाली ।।
समाज, ये लोग लगते हैं जाली
सोचें तो जीवन बस है ख्याली ।
सब कुछ पा के भी कुछ न पाया
ऐसा ही कुछ अब है घर का माली।।

-


17 JAN 2024 AT 18:20

ह्रदय में बसे हुए राम, राम आ रहे हैं
आप आ रहे हैं तो बस एक प्रार्थना है
सुन लेना प्रभु, मेरे अवगुण को गुन लेना प्रभु
प्रभु अबकी अपने सहज, सुभाव, शील को
भर देना सबके उर में,
अपनी शीतलता भर देना सबके दृग में
प्रभु आप आ रहें हैं तो अपनी उदारता,
विशालता, भ्रातृप्रेम, पितृप्रेम, मातृप्रेम,
ये सभी भर देना सबके भीतर
युग नया हो शुरू जिसके आदर्श आप हो,
जैसी राममय है ये आर्यावर्त वैसी ही रहे हमेशा
प्रभु अबकी बार सभी के ह्रदय में रहें हमेशा।

-


31 DEC 2023 AT 16:31

पानी को आग दूं या आग को हवा दूं
ऐ बीते वर्ष बता तुझे कैसे विदा दूं।।

-


19 DEC 2023 AT 14:15

ये ओस की बूंदें गिरी हैं पातों पर।
अधीन नहीं रख पाया जज्बातों पर।।
सिन्दूरी हुई शाम सागर की लहरों पर।
हंस गया बादल भी इन मुलाकातों पर ।।

-


Fetching DrPunita Tripathi Quotes