DrNeha Rathore  
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l'm not professional writer but l love to write..
Joined 13 February 2020


l'm not professional writer but l love to write..
Joined 13 February 2020
9 DEC 2022 AT 21:36

मैं जैसी हूं वैसे ही मैंने अपना लिया खुद को..
कितना बदलना है और कितना बदलू!
ये अब बस तय करना है मुझको,
अगर रहना है खुश किसी को!
तो ये तय करना है उसको,
वो कैसा है और कैसा बनना है उसे..
कोई नहीं जो आपको बदल सके!
आपको खुद ही तय करना है..
आपको कैसा बनाना है?
जिंदगी में हमेशा दो रास्ते मिलेंगे..
एक सही तो एक गलत,
ये भी तय करना है आपको..
अगर गलती से गलत रास्ता भी चुन लिया अापने..
तो कोई गिला ना करना खुद से!
जिस वक़्त आपको एहसास हो!
बदल देना रास्ता खुद से..
जिंदगी का एक ही सही रास्ता है..
"विश्वास करो खुद पर"
ये विश्वास ही सही रास्ता दिखायेगा..
ओर आपको सही मंज़िल पर पहुंचयेगा..

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29 JUL 2022 AT 10:35

एक खाली मन का अहसास है
तेरा होने पर भी ना होने का अहसास है
तू कभी दुर कभी पास है
तेरे लिये दिल मे अब भी आस है
पर ना जाने क्यों तू नही आस पास है

कभी तेरी बाते लगे अच्छी
तो कभी खोकली सी
तू कहता बहुत कुछ है
करता बस कुछ कुछ है

चाह के भी नहीं विश्वास है
ये जो दुरी है
हमेशा से तेरी दी हुई है

तेरा मुझसे ज्यादा जो दुसरो से लगाव है...

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8 JUL 2022 AT 0:04

ॐ शांति माँ 🙏

माँ शब्द से बचपन मे ही परहेज़ कर लिया था।
सामने कभी माँ नहीं कहा,
ना ही अकेले मे कभी बोला होगा।
सामने बहुत सारी नारजगी
और बहुत सारा गुस्सा जो था।
लेकिन क्यों ये नाराज़गी और गुस्सा था?
मन मे बहुत सी उम्मीद थी, जो अपने तोड़ी थी।
ज़िन्दगीभर आपके होने पर भी ना होने का अहसास दिया।
पापा को ही सब कुछ मान लिया और
आज तक ज़िन्दगी चली भी जा रही थी।
अचानक तुम्हारे जाने की खबर ने मेरे अंदर के सब्र को तोड़ दिया।
कभी किसी से तुम्हारे बारे मे बात नहीं की
कभी किसी को तुम्हारे बारे मे बात करने नहीं दी
जो भी मन मे था मन मे ही रख लिया मैंने
पर तुमसे शिकायत कभी करना नहीं चाही
ना चाहा जानना तुम्हारा यु बचपन मे चले जाने का कारण
छोटी थी मैं! आज भी नहीं जानती क्यों?
बस भाग्य मे था मान लिया था।
और तुमसे जो उमीदें थी उसने नाराज़गी और गुस्सा इस कद्र भर दिया जो अंतहीन है...
बहुत सी बातें है जो आज भी मन मे है,
और जो युही मन मे रह जाएगी...
किसी के जाने पर यु शिकायत नहीं करनी चाहिए.. उनकी अच्छी बातें ही याद करनी चाहिए...
सच है पर
इतने सालो से मन मे था...
आज मन को स्वतंत्र करना चाहती हूँ
तुम्हे आजाद करना चाहती हूँ
तुम्हे मुक्ति दिलाना चाहती हूँ 🙏



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20 AUG 2021 AT 1:03

आँखो में आंसू थे..
रातो में रुसवाई थी..
साथ हों कर भी कभी,
हम तुम पराये से हो गए थे..
दिल में प्यार था..
दिमाग़ में टकरार था..
कहानी जो होनी थी!
कहानी कुछ और हों गयी..
दिल और इस दिमाग़ की!!
टकरार में..
कहानी कुछ और ही हों गयी थी..

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19 AUG 2021 AT 0:00

जब सोचती हूँ हम तुम को
कभी खुशियों की हरियाली,
तो कभी गम के बादल भी दिखते है..
तुम्हारी मुस्कुराहट, मासूमियत और तुम्हारा प्यार...
सब कुछ दिखता है...
फिर भी ना जाने क्यों?
कुछ पलों मे, शायद!
वो तुम नही थे..
जहाँ तुमने मुझे अकेला छोड़ा था..
मुझे नज़रअंदाज़ किया था...
हाँ यक़ीनन वो तुम नही थे...
तुम वो हों ही नही सकते..
वो तुम नही थे...
मेरे ही मनन का वहम था शायद..
जो मुझे तुमसे दूर ले जा रहा था..
वो तुम नही थे...

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18 AUG 2021 AT 21:01

मेरा हौसला होगा..
वो फैसला भी सही होगा,
और अंजाम भी सही होगा..
होगा अगर गम किसी को!
तो शायद वो मेरा नही होगा..

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17 AUG 2021 AT 23:55

सब कुछ बदल जाने की..
फिर भी उम्मीद है मुझे,
फिर से जगमगाने की..
फिर भी उम्मीद है मुझे,
फिर से नये रंग पाने की..
फिर भी उम्मीद है मुझे,
मुस्कुराने की...

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16 AUG 2021 AT 0:56

क्या सोचते रहते हों..
आने वाले कल की फ़िक्र में!
आज को खोते रहते हों,
ये जो आज है,
कल! कल में बदल जायेगा।
फ़िसल गया ये पल ;
तो फिर लौट के ना आएगा..
नशा ये जो दिमाग़ में,
विचारों के उधेड़ बूंदो का..
कल सिर्फ पछतावा ही,
जिंदगी में लेकर आएगा...

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15 AUG 2021 AT 0:46

मेरा इश्क महकता रहता है...
तेरे दामन में,
तेरे आँगन में,
कुछ उमीदो में,
कुछ नींदो में,
सावन के फूलो में...
रिमझिम झड़ियों में,
मेरे ख्यालों में,
तेरी बातों में...
ये मेरा इश्क!
महकता रहता है,
मेरे हर लम्हों में...

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12 AUG 2021 AT 2:17

मुझे पैसे से...
ना प्यार था,
ना है, और ना ही रहेगा...
रहा है मुझे हमेशा प्यार तो...
वो प्यार से प्यार...
साथ से प्यार...
और हक से प्यार है...

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